टीआरपी डेस्क। भारत में 5जी सुविधा आगामी सालों में शुरू हो सकती है, लेकिन इसके लिए देश की दूरसंचार कंपनियों को 1.3 लाख करोड़ से 2.3 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में 5जी सेवाएं शुरू करने पर क्रमश: 87 अरब और 100 अरब रुपये से अधिक के पूंजीगत व्यय आने का अनुमान है। 

5जी सेवाओं के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा 100 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम के लिए रखे गए आरक्षित मूल्य और इसके लिए अनिवार्य बुनियादी ढांचे पर आने वाले अनुमानित खर्च के आधार पर मोतीलाल ओसवाल फायनांशियल सर्विसेज ने यह अनुमान लगाया है। 

मुंबई में करना होगा इतना निवेश

कंपनी की दूरसंचार रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में 100 मेगाहर्ट्ज का मध्यम बैंड स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए 84 अरब रुपये की जरूरत होगी। वहीं बेहतर सेवा देने के लिए लगभग 9,000 टावर एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित करनी होगी। इस पर भी कंपनियों को लगभग 18 अरब रुपये का निवेश करना होगा। इस तरह मुंबई अकेले में 5जी सेवा शुरू करने के लिए 100 अरब रुपये से अधिक का पूंजीगत व्यय करना होगा। 

दिल्ली में हो सकता है इतना खर्च

वहीं नीलामी की प्रक्रिया में स्पेक्ट्रम बोली का मूल्य बढ़ने पर यह लागत और व्यय और बढ़ सकता है। दिल्ली में भी इसी तरह से 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए कुल 87 अरब रुपये का पूंजीगत व्यय करने की जरूरत होगी। यह अनुमान 100 मेगाहर्ट्ज मध्यम स्पेक्ट्रम के लिए 69 अरब रुपये को आरक्षित मूल्य मानते हुए लगाया गया है। 

कुल 2,300 अरब पूंजीगत व्यय का अनुमान

रिपोर्ट के अनुसार देशभर में 5जी नेटवर्क के विस्तार के लिए स्पेक्ट्रम, मोबाइल टावर एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं और अखिल भारतीय स्तर पर कवरेज देने के लिए मध्यम या निचले बैंड स्पेक्ट्रम पर फाइबर सुविधा का विकास जैसे तीन प्रमुख घटकों पर कुल 2,300 अरब रुपये पूंजीगत व्यय होने का अनुमान है।

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