नेशनल डेस्क। लंबे समय के प्रयास के बाद नासा को बड़ी सफलता हाथ आई है। नासा अंतरिक्ष में नई-नई खोजों के लिए काम करता रहता है। इसी दिशा में अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का पहला स्पेसक्राफ्ट ओएसआईआरआईएसएक्स ( OSIRIS-REx spacecraft ) ऐस्टरॉयर्ड Bennu को छूने में कामयाब रहा है।

हलाकि इस बात का अभी पता नहीं लगा है कि इस टचडाउन के दौरान क्राफ्ट ने बेनू ( Asteroid Benue ) से कितना सैंपल हासिल किया है। इस आधार पर यह तय किया जाएगा कि दोबारा टचडाउन की जरूरत पड़ेगी या नही।

Osiris-Rex spacecraft काफी लंबे समय से कर रहा था प्ररिक्रमा

बता दें कि नासा के इस मिशन में काफी लंबे समय से अमेरिका और कनाड़ा के वैज्ञानिक भी काम कर रहे हैं। और काफी लंबे समय से स्पेसक्राफ्ट ओएसआईआरआईएस ( OSIRIS-REx spacecraft ) ऐस्टरॉयर्ड बेनू की प्ररिक्रमा कर रहा था। इस स्पेसक्राफ्ट को भेजने का मुख्य कारण ही यही था कि वो ऐस्टरॉयड से नमूने लाने में सफलता प्राप्त कर सके।

यान ने बेनू की कक्षा में दिसंबर 2018 में ही प्रवेश कर लिया था

इस यान ने बेनू की कक्षा में दिसंबर 2018 में प्रवेश किया था, लेकिन उस सतह पर उतरने के लिए उस दो साल का समय लगा। नासा ने कहा कि द ओरिजन्स, स्पेक्ट्रल इंटरप्रीटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन, सिक्योरिटी-रीगोलिथ एक्सप्लोरर ( OSIRIS-REx spacecraft ) सतह से नमूना लेने के लिए 20 अक्टूबर को पहला प्रयास किया गया।

मिशन से खुल सकते है कई गहरे राज

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस मिशन से कई गहरे राज खुल सकते है। जिससे हमे यह जानकारी भी मिल सकती है कि ग्रह कैसे बनते हैं और जीवन कैसे शुरू हुआ और क्षुद्रग्रहों पर नई अंतर्दृष्टि देगा जो पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है। इस मिशन ने अंतरिक्ष यान में पहुंचकर रोबोटिक आर्म के नमूने को इकट्ठा करने के लिए नासा ने नाइटिंगेल नामक एक चट्टानी क्षेत्र को चुना जिसमे सबसे बड़ी मात्रा में अबाधित महीन दानेदार सामग्री है। जिससे कई तरह की जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं।

वैज्ञानिकों को 60 ग्राम सैंपल की आवश्कता

अब देखना यह है कि वैज्ञानिकों को कम से कम 60 ग्राम सैंपल की आवश्कता है। और इस सेंपल को इकट्ठा करने के क्रेटर की धूल नाइट्रोजन गैस के ब्लास्ट से उड़ेगी जिसे इकट्ठा कर लिया जाएगा। यदि धूल 60 ग्राम तक नही मिलती है तो 30 अक्टूबर को फैसला किया जाएगा कि आगे क्या करना है।

दूसरी कोशिश बैकअप साइट Osprey पर जनवरी 2021 के बाद ही की जा सकेगी। यदि वहीं पर रहते हुए वैज्ञानिकों की योजना सफळ हो जाती है तो ओसिरिस-रेक्स क्षुद्रग्रह बेन्नू से मार्च 2021 को धरती के लिए उड़ान भर सकता है और 24 सितंबर, 2023 को यूटा के रेगिस्तान में उतरेगा।

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