लंदन/नई दिल्ली। (Oxford Corona Vaccine) कोरोना के कहर के बीच वैक्सीन बनाने की रेस में ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन सबसे आगे चल रही है। इस बीच बड़ी खबर है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक वॉलंटियर की मौत हो गई है।

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ब्राजील में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में एक वॉलंटियर की मौत हो गई है। यह जानकारी बुधवार को अधिकारियों ने दी। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मृतक वॉलंटियर को अंडर ट्रायल कोरोना वैक्सीन नहीं दी गई थी, बल्कि प्लेसबो मिला था।

यहां ध्यान देने वाली बात है कि यह दुनिया भर में होने वाले विभिन्न कोरोना वायरस वैक्सीन के ट्रायलों के दौरान पहली मौत है। हालांकि, अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने कहा कि एक स्वतंत्र समीक्षा ने निष्कर्ष निकाला है कि इसके बाद भी वैक्सीन की सेफ्टी को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ विकसित किए जा रहे टीके का ट्रायल नहीं रुकेगा, बल्कि जारी रहेगा।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इस ट्रायल में शामिल वॉलंटियर 28 वर्षीय चिकित्सक था, जो महामारी के दौरान फ्रंट लाइन पर काम कर रहा था और कोरोना की वजह से उसकी मौत हो गई। ब्राजील के समाचार पत्र ग्लोबो और अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने कहा कि वॉलंटियर नियंत्रण समूह में था और उसे टेस्ट वैक्सीन के बजाय एक प्लेसबो दिया गया था।

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