टीआरपी डेस्क। शराब कारोबारी विजय माल्या ( Vijay Mallya ) को भारत लाए जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी के प्रत्यर्पण को लेकर चल रही गोपनीय कानून प्रक्रिया पर केंद्र सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

केंद्र सरकार से छह सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है। केंद्र सरकार ने 5 अक्टूबर को सर्वोच्च अदालत से कहा था कि माल्या को तब तक भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है कि जब तक एक ब्रिटेन में अलग ‘गोपनीय’ कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है। जो कि प्रकृति में न्यायिक और गोपनीय है।”

9000 करोड़ रुपए से ज्यादा है कर्ज

केंद्र ने 5 अक्टूबर को न्यायालय को बताया था कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ( Vijay Mallya ) का उस समय तक भारत प्रत्यर्पण नहीं हो सकता जब तक ब्रिटेन में चल रही एक अलग ‘गोपनीय कानूनी प्रक्रिया का समाधान नहीं हो जाता।’ केंद्र ने कहा था कि उसे ब्रिटेन में विजय माल्या के खिलाफ चल रही इस गोपनीय कार्यवाही की जानकारी नहीं है।

सरकार का कहना था, ‘ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण की कार्यवाही को बरकरार रखा है लेकिन अभी ऐसा नहीं हो रहा है।’ शीर्ष अदालत ने इससे पहले माल्या की 2017 की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए उसे 5 अक्टूबर को न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने विजय माल्या को अदालत के आदेशों का उल्लंघन करके अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ अमेरिकी डॉलर हस्तांतरित करने के मामले में 2017 में उसे अवमानना का दोषी ठहराया था।

विजय माल्या ( Vijay Mallya ) बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिए 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले में आरोपी है। इस समय वह ब्रिटेन में रह रहा है, जिसके प्रत्यर्पण के लिए सरकार कोशिश कर रही है।

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