बेंगलुरु। (GST fraud of 200 crores in Bengaluru) चीन के हवाला रैकेट के मामले में जीएसटी खुफिया विंग ने दिल्ली के कमलेश मिश्रा सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कमलेश मिश्रा पर आरोप है कि उसने फर्जी फर्मों के नाम पर 500 करोड़ रुपये के फर्जी चालान बनाए।

बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में 200 करोड़ रुपये से अधिक के अलग-अलग मामलों में कर की हेराफेरी करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कथित तौर पर कुछ वर्षों में 1,000 करोड़ रुपये की फर्जी सेवाओं के लिए चीनी लोगों सहित बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए नकली चालान बनाए।

मुंबई स्थित चीनी फर्मों सहित कई जगहों पर मारे गए छापे

ताजा मामला जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की बेंगलुरु जोनल इकाई द्वारा शहर में भंडाफोड़ किए गए जीएसटी फ्रॉड के बड़े मामलों में से एक है। मुंबई स्थित चीनी फर्मों सहित कई जगहों पर छापे मारे गए और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए। कुल कर धोखाधड़ी की गणना अभी भी जारी है।

बेंगलुरु के एक अधिकारी ने कहा, हमने छापेमारी की और उन लोगों की पहचान की, जिन्होंने मिश्रा को फर्जी कंपनियों में निदेशक बनाया। जीएसटी धोखाधड़ी का पता लगाने के बाद हमने उन्हें गिरफ्तार किया

इंटेलिजेंस अधिकारी ने कहा, ‘बंगालुरु के बिजनेसमैन बियालदुगु कृष्णैया ने कुछ चीनी लोगों के साथ मिलीभगत करके जंप मंकी प्रमोशन इंडिया लिमिटेड नाम की एक फर्म बनाई थी। फर्म के माध्यम से कृष्णा ने भारत में अच्छी तरह से स्थापित चीनी फर्मों के लिए फर्जी चालान जारी किए, जिसमें दावा किया गया कि उन्होंने सामान या सेवाएं बेचीं।

लाभ के रूप में, उन्हें चाइना कंस्ट्रक्शन सोसैम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और क्वॉलिक कंस्ट्रक्शंस द्वारा भेजे गए 53 करोड़ रुपये मिले। उन्होंने वीचैट मैसेजिंग सेवा के माध्यम से उनके साथ बातचीत की और चीनी व्यक्तियों के लिए बड़ी रकम के लिए क्रिप्टोक्यूरेंसी खरीदारी भी की।

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