बीजिंग। चीन ने कोरोना की एक सुपर वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने का दावा किया है। यह वैक्सीन 10 लाख लोगों को दी जा चुकी है, लेकिन किसी में कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं दिखा है। इस टीके को लगवाने वाले शत प्रतिशत लोगों के कोरोना से संक्रमित नहीं होने के कई उदाहरण दिए गए हैं। इसलिए इस वैक्सीन को सुपर वैक्सीन करार दिया जा रहा है।

हालांकि, चीनी कंपनी सिनोफार्म द्वारा विकसित इस टीके के परीक्षण का अंतिम चरण अभी नहीं पूरा हो पाया है, लेकिन चीन की सरकार ने आपात स्थिति में इस प्रायोगिक टीके को मरीजों को लगाने की अुनमति दे दी है। चीन की दिग्गज दवा कंपनी सिनोफार्म के चेयरमैन लियू जिंगजेन ने कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन दी गई है उनमें गंभीर विपरीत प्रभाव नहीं दिखे, कुछ लोगों ने केवल मामूली परेशानी की शिकायत की।

टीका लगवाने वाले मजदूर-छात्र और राजनयिक सुरक्षित

चेयरमैन लियू ने कहा कि आपात परिस्थिति में प्रायोगिक टीका केवल उन मजदूरों, छात्रों और राजनयिकों को लगाया गया जो महामारी के दौरान 150 से अधिक देशों की यात्रा पर गए। लेकिन टीकाकरण के बाद इनमें से किसी में संक्रमण नहीं देखने को मिला। गत 6 नवंबर को 56,000 लोगों ने चीन से बाहर रवाना होने से पहले टीका लगवाया।

10 देशों में मानव परीक्षण

सिनोफार्म कंपनी का टीका अभी तीसरे चारण के मानव परीक्षण से गुजर रहा है। इसका परीक्षण 60 हजार लोगों पर 10 देशों में किया जा रहा है। इन देशों में यूएई, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन, पेरु और अर्जेंटीना शामिल हैं। सिनोफार्म कंपनी एक साथ कोरोना के दो टीके विकसित कर रही है। इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों में से कौन सी वैक्सीन ज्यादा कारगर रही है।

सेना के जवानों को टीका लगाने का दावा

चीन में प्रायोगिक टीके के इस्तेमाल की अनुमति मिलने के बाद दवा कंपनी कैन सिनो बायोलॉजिक्स ने ऐलान किया कि उसे चीन की सेना के जवानों को भी प्रायोगिक टीका लगाने की विशेष अनुमति मिली है।

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