न्यूयॉर्क। India will be a part of United Nations Security Council भारत के लिए साल 2021 की शुरुआत कई मायने में बेहद खास है। 1 जनवरी से भारत एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थाई सदस्य बनने के लिए तैयार है। साल 2020 में जिस तरह भारत ने हिमालय पर चीन की चुनौती का सामना किया है, उसके मद्देनजर दुनियाभर की निगाहें भारत पर टिकी हैं।

कई देशों को अपनी आक्रामकता से परेशान करने वाले चीन ने सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का साथ देते हुए कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश भी की थी। ऐसे में यह दो साल की सदस्यता भारत के लिए एक बड़ा मौका साबित हो सकती है।

भारत के लिए अहम मुद्दे

भारत की अस्थाई सदस्यता के कारण सीमा पार आतंकवाद, आतंकवाद को फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, कश्मीर जैसे मुद्दों पर भारत की स्थिति मजबूत होगी।

परिषद में भारत नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मेक्सिको के अलावा पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका और अस्थायी सदस्यों एस्तोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट, ट्यूनीशिया और वियतनाम के साथ बैठेगा।

भारत अगस्त 2021 में 15 देशों वाली शक्तिशाली परिषद के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाएगा। हर सदस्य देश बारी-बारी से एक माह के लिए परिषद की अध्यक्षता करता है।

क्या है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख हिस्सों में से एक है। इसका मुख्य कार्य दुनियाभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है।

यह परिषद दुनियाभर के देशों में शांति मिशन भी भेजता है और अगर दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री ऐक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।

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