नई दिल्ली/रायपुर। (purchased paddy in Chhattisgarh Rajiv Gandhi Kisan Nyaya Yojana) छत्तीसगढ़ में न्यूतनम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू हुई धान खरीदी का मामला अब गरमा गया है। वहीं एफसीआई द्वारा धान का उठाव नहीं किए जाने से सरकार की चिंता बढ़ गई है।

बता दें कि सीएम भूपेश बघेल ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी और खाद्यमंत्री पीयूष गोयल से बातचीत भी की है। जिस पर खाद्यमंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि आप बोनस तो नहीं बांट रहे हैं।

खाद्यमंत्री पीयूष गोयल के बयान के बाद प्रदेश में किसानों को दी जाने वाली राजीव गांधी किसान न्याय योजना को लेकर केंद्र ने सवाल खड़े कर दिए है। अब इस मामले में सीएम भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव से कहा है कि केन्द्र शासन से समय लेकर इस योजना की पूरी जानकारी देकर वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दी जाए।

सीएम साफ कर चुके स्थिति

दरअसल, धान खरीदी को लेकर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को खुद सामने आए। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया है कि हम किसानों से धान की खरीदी 25 सौ रुपए में नहीं बल्कि केन्द्र द्वारा जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही कर रहे हैं। लेकिन, हम अंतर का राशि का भुगतान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि हमारे यहां के अधिकारी दिल्ली जाकर इस योजना की जानकारी देंगे उन्होंने उम्मीद जताई है कि बातचीत से बीच का रास्ता जरूर निकलेगा।

एफसीआई के रुख से बढ़ी राज्य की चिंता

प्रदेश में पिछले खरीफ सीजन में कुल 83 लाख टन धान की खरीदी की गई थी। इस बार यह लक्ष्य 85 से 90 लाख टन का रखा गया है। राज्य में लगभग 38 से 40 लाख टन धान की खपत होती है, एफसीआई लगभग 35 लाख टन धान का उठाव करती थी। लेकिन, उठाव नहीं होने से राज्य के पास कुल 45 से 50 लाख टन धान अधिक हो जाएगा।

अब तक 53 लाख टन धान की खरीदी

प्रदेश में अब तक 52 लाख 64 हजार 330 मीट्रिक धान की खरीदी की गई है तथा 13 लाख 47 हजार 270 किसान अपना धान बेच चुके हैं। मिलरों को 15 लाख 40 हजार 584 मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। इसके विरुद्ध मिलरों द्वारा 12 लाख 39 हजार 270 मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है। इस बीच धान खरीदी को लेकर विपक्ष लगातार आक्रमक होता जा रहा है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर…