टीआरपी न्यूज़। दुनिया के कई देशों में भले ही कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान चल रहे हैं और भारत में भी वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन वायरस का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। यह देखा गया है कि इसके संक्रमण के कारण बुजुर्ग और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, कमजोर इम्यूनिटी, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना अधिक होती है और यह खतरा अभी भी बरकरार है। दरअसल, वैज्ञानिक यह कई बार कह चुके हैं कि यह वायरस शरीर के अंदर प्रवेश कर फेफड़ों को बुरी तरह नुकसान पहुंचाता है। आइए जानते हैं उन संकेतों के बारे में, जिनसे यह पता चल सकता है कि कोरोना का संक्रमण आपके फेफड़ों में भी फैल रहा है। 

खांसी का दौरा पड़ता है

कोविड-19 के कारण खांसी का दौरा पड़ता है। न केवल सूखी खांसी कोरोना वायरस का एक विशिष्ट संकेत है, बल्कि अगर आप लगातार काफी देर तक खांसते रहते हैं और प्रारंभिक संक्रमण के दो-तीन हफ्ते बाद भी यह नहीं सुधरता है, तो यह कोरोना के साथ फेफड़ों की जटिलता का संकेत हो सकता है। इसके अलावा यह पोस्ट कोविड का भी संकेत हो सकता है। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

सांस की तकलीफ या डिस्पेनिया एक समस्या

सांस की तकलीफ या डिस्पेनिया एक ऐसी समस्या है जो आमतौर पर तब होती है जब किसी तरह का संक्रमण होता है, जिससे आपके फेफड़ों में ऑक्सीजन का पहुंचना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या खासतौर पर बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन यह समस्या अन्य लोगों को भी हो सकती है। अगर आप कोरोना से संक्रमित हुए हैं और सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो इसका मतलब है कि कोरोना का संक्रमण आपके फेफड़ों में भी फैल रहा है। हालांकि पोस्ट कोविड में भी ऐसा देखने को मिलता है। 

सीने में तेज दर्द

डॉक्टरों ने अब चेतावनी दी है कि सांस लेने में कठिनाई हो रही है या सीने में तेज दर्द का सामना करना पड़ रहा है, तो यह कोरोना वायरस के कारण फेफड़ों की गंभीर क्षति का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति होने पर आपको तुरंत डॉक्टर सेसंपर्क करना चाहिए। इन संकेतों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें, नहीं तो यह घातक हो सकता है। 

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