टीआरपी डेस्क। किसान आंदोलन पर घिरी केंद्र सरकार का चेहरा बचाने के लिए भाजपा कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों पर कृषि व किसानों से जुड़े मुद्दों पर आक्रामक हो रही है। भाजपा ने काफी समय से शांत रहे रमन सिंह को भूपेश बघेल पर धान खरीदी के बहाने हमला करने के लिए आगे किया है।

जवाब में कांग्रेस पूरी आक्रामकता से पलटवार कर रही है। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तथ्यों के साथ रमन सिंह पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री बघेल ने तीखा हमला करते हुए कहा है कि किसानों से झूठ बोलकर ही रमन सिंह सत्ता से बाहर हुए और उनका झूठ बोलना लगातार जारी है।

मौजूदा सरकार की बोनस योजना में रोड़ा अटकाने की कोशिश में है भाजपा

रमन सिंह के धान न खरीदने के आरोप पर राज्य सरकार ने कहा है कि वह उचित मूल्य पर खरीदी कर रही है। बोनस की योजना में केंद्र रोड़ा अटका रहा है। रमन सिंह किसानों के मुद्दे पर घिरी केंद्र सरकार को बचाने के लिए राज्य सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि वर्ष 2013 के विधान सभा चुनावों के पूर्व जारी “ संकल्प पत्र “ में डॉक्टर रमन सिंह ने राज्य के किसानों से धान का क्रय 2100 रुपये प्रति क्विंटल के दर से करने एवं 300 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिए जाने का संकल्प लिया था। लेकिन वे खुद बोनस नही दे पाए और अब मौजूदा सरकार की बोनस योजना में रोड़ा अटकाने की केंद्र सरकार की कोशिश को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

रमन सिंह ने दिखावे के तौर पर केंद्र सरकार को किसानों को बोनस जारी रखने की अनुमति हेतु पत्र लिखा था। केंद्र सरकार द्वारा उनकी माँग अनसुनी करने पर रमन सिंह ने ना तो किसानों का धान 2100 रुपये ख़रीदा और ना ही 300 रुपये का बोनस दिया गया। केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा राजीव किसान न्याय योजना को अकारण बोनस बताते हुए राज्य से 60 लाख टन चावल लेने की घोषणा के बाद भी राज्य से मात्र 24 लाख टन चावल लिए जाने पर सहमति दी गयी है।

पूर्व घोषणा अनुसार वार्डनों की आपूर्ति भी केंद्र द्वारा नहीं जी जा रही है। उसके बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वादे के अनुरूप किसानों से धान ख़रीदी की जाएगी तथा राजीव किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी भी दी जाएगी। कांग्रेस का कहना है कि किसान विरोधी भाजपा एवं डाक्टर रमन सिंह को वर्तमान धान ख़रीदी व्यवस्था पर राज्य सरकार की आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

माना जा रहा है कि किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी जंग तेज होगी। कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर राज्य सरकार पूरी आक्रामकता से भाजपा को घेरने और किसानों का दिल जीतने के लिए उनके बीच जाने की तैयारी में है। पार्टी सरकार के कार्यक्रमो को लोगों तक पहुंचाने के लिए विशेष अभियान भी चलाएगी।

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