मुंबई। इस शुक्रवार (15 जनवरी) अली अब्बास जफर तांडव (Tandav) से ओटीटी पर डायरेक्टोरियल डेब्यू कर रहे हैं। फिल्म में जिन राजनीतिज्ञों की झलक है, उसके बारे में वे कहते हैं- हमने इसका आइडिया साल 2013-14 में कंसीव किया था। दरअसल पॉलिटिक्स बड़ा मजेदार टॉपिक है। टीवी पर इसे ही ज्यादा पसंद करते हैं। मेरे मां-बाप तो चौबीसों घंटे यही देखते रहते हैं। इनफैक्ट ज्यादातर घरों में लोग पॉलिटिकल न्यूज ही सुनते हैं। लिहाजा मुझे लगा कि ‘तांडव’ जैसा पॉलिटिकल ड्रामा तो लोग पसंद करेंगे ही।

‘ओथेलो’ और ‘मैकबेथ’ जैसी कहानी है ‘तांडव’
अली बताते हैं- यह शेक्सपियर ड्रामा है। वो जैसे ‘ओथेलो’ और ‘मैकबेथ’ लिखा करते थे, ‘तांडव’ वैसी ही कहानी है। शेक्सपियर की कहानियों का किरदार सत्ता के लिए जो दांव-पेंच इस्तेमाल करता है, यह भी वैसी है। तभी इसमें हर किरदार मेन लीड समर प्रताप सिंह या फिर अनुराधा जितना ही अहम है। वह इसलिए कि सत्ता को सिर्फ एक इंसान नहीं चला सकता। एक अदना प्यादा भी कुर्सी को खिसका सकता है।
सैफ अली खान को मनाना आसान रहा
समर प्रताप सिंह प्ले करने के लिए सैफ अली खान को मनाना आसान रहा। वह इसलिए कि उन्हें भी इसमें हर किरदार बड़ा अच्छा लिखा नजर आया। अब वह इसमें चाणक्य जैसे हैं या चंद्रगुप्त, वह जानने के लिए शो देखना होगा। इतना जरूर है कि वह बड़े स्मार्ट पॉलिटिशियन हैं।
पटौदी पैलेस में हुई शूटिंग
शो की शूटिंग दिल्ली समेत पटौदी पैलेस में हुई है। यूनिवर्सिटीज में भी शूटिंग की है। अनुराधा के रोल के लिए डिंपल कपाड़िया को इसलिए चुना कि उन्हें एक्सप्लोर किया जाना बाकी है। वह तब ‘टेनेंट’ शूट कर रही थीं। उन्हें भी कन्विन्स करने में ज्यादा वक्त नहीं गया। हमारी शूटिंग भी बड़ी आसानी से हो गई। नौ एपिसोड हमने 60 दिन में ही शूटिंग कर लिए।
कंटेंट मायने रखेगा, पर्दा नहीं
अली ने आगे बताया- वेब शोज का भी स्केल लार्ज हो चुका है। सैफ के बाद अक्षय भी बड़े नाम हैं, जो वेब शो में आने वाले हैं। जहां तक सवाल है सलमान खान का तो उनसे कभी ऐसे डायरेक्टली बात नहीं हुई। मेरे ख्याल से लोग समझ रहे हैं कि अब कंटेंट ही मायने रखेगा। छोटा, बड़ा या तीसरा पर्दा नहीं। वह इसलिए कि दोनों जगह एकसमान क्वालिटी की तकनीक यूज हो रही है। हां, अब से कुछ कंटेंट सिनेमाघरों के लिए होंगे। कई वेब शो के लिए। यह बात समझ आते ही सितारे अलग अलग प्लेटफॉर्म पर अलग अलग कंटेंट के लिए काम करेंगे।
सैफ और सलमान में है ये समानता
अली ने अपने एक्टर्स के बारे में कहा- सैफ और सलमान बड़े ही सिमिलर एक्टर हैं। दोनों ही डायरेक्टर की बहुत सुनते हैं। जो कुछ भी मैंने सलमान से सीखा है, वह सब सैफ पर यूज किया है। सैफ की अच्छी बात यह है कि वह सिर्फ सिनेमा की बात नहीं करते। वो फिजिक्स, केमिस्ट्री, हिस्ट्री सब पर बातें करते हैं। वो बहुत फनी हैं। सलमान भी उतने ही फनी हैं।
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