टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ गृह विभाग के प्रमुख सचिव और संचालक लोक अभियोजन अधिकारी को हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की खंडपीठ ने की है। यह प्रकरण प्रमोशन में उम्र की सीमा से जुड़े नियम को लेकर चल रहा था. कोर्ट ने प्रमुख सचिव को जवाब तलब किया है।

यह है पूरा मामला

चंद्रकांत गिरी गोस्वामी, नटराज पांडेय, अनिल गोस्वामी और आरती मिश्रा ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका 2019 में दायर की गई थी, . इस याचिका में जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पद के लिए उम्र की सीमा 40 साल किए जाने की शिकायत की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि पदोन्नति मुख्यतः अनुभव पर आधारित होती है। उम्र सीमा रखने की वजह क्या है ? यह साफ नहीं होता। यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के खिलाफ है।

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रमोशन मामले में सुनवाई

छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने जवाब में छत्तीसगढ़ लोक अभियोजन (राजपत्रित) भर्ती और पदोन्नति नियम के तहत सहायक ग्रेड 3 से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी बनने का प्रावधान होना बताया है। कहा गया है कि 40 साल से कम उम्र के सहायक ग्रेड 3 ही पदोन्नति की पात्रता रखते हैं। याचिकाकर्ता 40 वर्ष से अधिक होने के कारण पदोन्नति हासिल नहीं कर सके और इनके जूनियर को प्रमोशन मिल गया, क्योंकि उनकी उम्र 40 साल से कम थी।

1 साल बाद भी आदेश का पालन नहीं हुआ पालन

दोनों पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने सरकारी नियम को असंवैधानिक बताया। याचिकाकर्ता को पदोन्नति और वरिष्ठता देने के निर्देश दिए। यह आदेश 24 अक्टूबर 2019 को पारित हुआ था। इसके 1 साल बीत जाने के बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया। याचिकाकर्ता चंद्रकांत गिरी गोस्वामी ने एक अवमानना याचिका प्रस्तुत की है। जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रमुख सचिव और गृह संचालक लोक अभियोजन को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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