नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान 2 महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, लेकिन 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दौरान प्रदर्शन हिंसक हो गया। ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकर्ता किसान ने नियम ही नहीं तोड़े, बल्कि तोड़फोड़ और सुरक्षाबलों से मारपीट भी की।

पुलिस का दावा है कि मंगलवार की हिंसा में 300 जवान घायल हुए हैं। एक एडिशनल DCP पर तलवार से हमला किया गया।

बता दें ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हिंसा (Farmers Protest Delhi Red Fort) पर दिल्ली पुलिस अब ऐक्शन में है। जानकारी मिली है कि दिल्ली पुलिस ने आपराधिक साजिश के साथ लाल किले में डकैती का मामला दर्ज किया है। राजधानी दिल्ली के कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें 10 से ज्यादा विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, इसमें धारा 395, धारा 397 और धारा 120b जैसी गंभीर आपराधिक धाराएं भी शामिल की गई हैं।

किसान नेता बोले- हिंसा करने वाले खुद भुगतेंगे

उधर मंगलवार को ट्रैक्टर रैली में शामिल उपद्रवी बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ते गए और लाल किले तक पहुंच गए। उन्होंने प्राचीर पर चढ़कर धार्मिक झंडा फहरा दिया। इस घटना पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आज कहा, ‘जिन्होंने हिंसा फैलाई और लाल किले पर झंडा फहराया, वे खुद भुगतेंगे। पिछले 2 महीने से एक समुदाय विशेष के खिलाफ साजिश चल रही है। यह आंदोलन सिखों का नहीं, बल्कि किसानों का है।

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