रायपुर। छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान अब तक 89.5 लाख मीट्रिक टन की खरीदी के साथ लक्ष्य पूरा हो गया है। मगर राज्य के किसान 29 जनवरी तक धान सोसायटियों में बेच सकते हैं। जिन किसानों को आखिरी दिनों के लिए टोकन जारी किया गया है वे अपना धान बेच पाएंगे।

प्रदेश में इस साल हुई रिकॉर्ड धान खरीदी

राज्य गठन के बाद से लेकर अब तक किसी भी साल इतनी बड़ी मात्रा में धान नहीं खरीदी नहीं हुई। प्रदेश में 1 दिसंबर 2020 से धान खरीदी की शुरूआत हुई थी। सरकार ने 31 जनवरी 2021 तक का समय धान बेचने के लिए तय किया है। 30 जनवरी को शनिवार व 31 को रविवार होने के कारण खरीदी नहीं की जाएगी। हालांकि इस अ‌वधि में अब तक 19 लाख से अधिक किसान धान बेच चुके हैं। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 21 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया था।

इन जिलों में हुई सबसे अधिक खरीदी

प्रदेश के सभी 28 जिलों में किसानों ने अपना धान बेचा है। सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में धान खरीदी के लिए अनुमानित मात्रा तय की थी। इसके विरुद्ध कई जिलों में लक्ष्य से अधिक खरीदी हो चुकी है। इनमें बस्तर, दंतेवाडा, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, गौरेला पेंड्रा मरवाही, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, बेमतरा, कवर्धा,राजनांदगांव, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया तथा सूरजपुर ऐसे जिले हैं जहां 100 प्रतिशत से लेकर 139 प्रतिशत तक धान खरीदा गया है।

आड़े नहीं आया बारदाने का संकट

राज्य में इस सीजन में धान खरीदी के दौरान सबसे बड़ा संकट बारदानों का था। राज्य सरकार ने केंद्र से जिनती मात्रा में बारदानों की मांग की थी। उसका आधे से भी कम बारदाना मिल पाया था। लेकिन राज्य सरकार ने इस संकट के बीच भी ऐसी व्यवस्था जमाई की बारदानों का संकट भी आड़े नहीं आया। सरकार ने सिंगल भर्ती वाले बारदाने खरीदे। किसानों के पुराने बारदाने लिए गए। मिलरों तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उपयोग किए गए बारदाने लिए गए।

चार लाख टन धान और आ सकता है राज्य में

धान खरीदी के लिए आखिरी बचे दो दिनों में चार लाख मीट्रिक टन धान और आने की संभावना है। इस हिसाब से प्रदेश में 94 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी संभावित है। जिन किसानों को टोकन मिल गया है वे 29 तारीख तक धान बेच सकते हैं।

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