टीआरपी डेस्क। इस बार का हरिद्वार महाकुंभ का आयोजन सीमित और कम समय के लिए होगा। कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने यह निर्णय लिया है। हरिद्वार महाकुंभ की अवधि 10 से 27 अप्रैल तक करने के लिए राज्य सरकार सोच-विचार कर रही है। आपको बता दें, इसे 60 दिन से घटाकर 18 दिन का किया जा सकता है।
कुंभ मेले के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पत्र भेजकर राज्य सरकार को आदेश दिया। मंत्रालय ने राज्य से कोरोना संक्रमण को देखते हुए कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या को सीमित करने और इसकी समय अवधि कम करने पर विचार करने को कहा था।
कड़े प्रतिबंध के साथ होगी श्रद्धालुओं की सीमित संख्या
केंद्र के इन दिशा-निर्देशों के बाद राज्य सरकार के स्तर पर एसओपी जारी करने की तैयारी चल रही है। जानकारी अनुसार, राज्य सरकार की एसओपी केंद्र सरकार की एसओपी से ज्यादा सख्त हो सकती है। इसमें कड़े प्रतिबंध के साथ श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित किया जायेगा।
कोरोना संक्रमण के कारण होगी समयावधि कम
अब तक कुंभ मेले की समयावधि 60 दिन की मानी जा रही थी। इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र को जो प्रस्ताव भेजा, उसमें 27 फरवरी से 30 अप्रैल तक कुंभ मेले के आयोजन का उल्लेख था। लेकिन अब कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इसकी समयावधि कम हो सकती है। पहले बोला जा चुका था कि कुंभ 48 दिन का हो सकता है, लेकिन अब 18 दिन करने पर सरकार विचार कर रही है।
अन्य राज्यों का सहयोग
आपको बता दें, फरवरी के इस हफ्ते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे। कुंभ मेले में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के संबंध में वह राज्यों से सहयोग की अपील करेंगे।
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