Twitter को छोड़ भारतीय यूजर्स कर रहे देसी Koo App का उपयोग, 48 घंटे में बनाया 1 लाख डाउनलोड्स का रिकॉर्ड
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टीआरपी डेस्क। भारत में लम्बे समय से विदेशी सोशल मीडिया एप्स के विकल्प तलाशे जा रहें हैं। जहां पिछले साल माइक्रोब्लॉगिंग साइट के विकल्प के तौर पर tooter नाम से एक वेबसाइट लॉन्च हुई। वहीं अब Koo App ट्विटर के विकल्प के रूप में तहलका मचा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया ज़िक्र

आपको बता दें, Koo App को ट्विटर के विकल्प के रूप में अप्रैल 2020 में लॉन्च किया गया था। इस एप की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कर चुके हैं। अब तक पिछले 48 घंटों में Koo App ने 3 मिलियन डाउनलोड्स का रिकॉर्ड बना लिया है। ऐसे में कई भारतीय यूजर्स अब इस देसी आत्मनिर्भर भारत ऐप का इस्तेमाल करने लगे हैं।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी कर रहे Koo App का इस्तेमाल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी Koo App पर अपना अकाउंट बना लिया है। गोयल के अलावा कई अन्य मंत्रियों ने भी Koo App का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। गोयल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि, मैं अब कू पर आ चुका हूं। रियल टाइम, रोमांचक और दूसरे अपडेट्स के लिए आप मेरे साथ इस प्लेटफॉर्म पर जुड़े। आइए हम कू पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करें।

https://twitter.com/PiyushGoyal/status/1359058583934013442

गोयल के मंत्री सहयोगी, रविशंकर प्रसाद, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव अन्य प्रमुख कू यूजर्स में शामिल हो चुके हैं।

Koo App सात भाषाओं में सक्रिय

कू के सह-संस्थापक मयंक बिडवाटका ने कहा कि गतिरोध शुरू होने के बाद से कू उपयोगकर्ताओं की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हुई है। उन्होंने आगे कहा कि, अब तक कितने यूजर्स इस पर जुड़ चुके हैं फिलहाल यह आंकड़ा हम नहीं बता सकते।

बिडवाटका ने कहा कि कू के तीन मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं और वह सात भाषाओं में सक्रिय है। अगस्त में आत्मनिर्भर ऐप चैलैंज में चिंगारी के बाद कू ने सोशल कैटेगरी में दूसरा पुरस्कार जीता। यह कन्नड़ में शुरू हुआ और तब से इसका विस्तार तमिल, हिंदी और तेलुगु में शामिल है।

ट्विटर के साथ केंद्र सरकार का विवाद

वहीं ट्विटर ने बुधवार को 500 से अधिक एकाउंट को सस्पेंड कर दिया है लेकिन उसने अभिव्यक्ति की आजादी को अक्षुण्ण रखने की जरूरत का हवाला देते हुए ‘पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के एकाउंट पर रोक लगाने से इनकार किया है। जिसके बाद सरकार ने किसान आंदोलन के बारे में दुष्प्रचार और भड़काऊ बातें फैला रहे अकाउंट और हैशटैग के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने में ट्विटर के देरी करने पर बुधवार को ‘कड़ी नाराजगी’ प्रकट की है।

जानकारी अनुसार, भारत सरकार ट्विटर के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई कर सकती है। केंद्र सरकार ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा है कि ट्विटर सरकार के निर्देश का पालन आधे-अधूरे मन से कर रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

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