रायपुर। पूरे विश्व में 14 फरवरी का दिन यूं तो वैलेंटाइन डे के तौर पर मनाया जाता है, लेकिन भारत के इतिहास में यह दिन जम्मू कश्मीर की पुलवामा हमले के नाम दर्ज है। दो साल पहले आज ही के दिन यानी 14 फरवरी 2019 दोपहर करीब 3 बजे जम्मू-कश्मीर में एक ऐसा आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।

उन जवानों की शहादत की टीस आज भी बरकरार है। आतंकवादियों ने इस दिन को देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमले के लिए चुना था। पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के जवानों के काफिले में चल रही एक बस में विस्फोटक से भरी कार टकरा दी।
जिसमें 40 जवान शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से घायल हुए। इस हमले को अंजाम देने वाले आदिल, कारी यासिर, सज्जाद भट्ट, उमर फारूक, मुदसिर अहमद खान आदि सभी मारे जा चुके हैं। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भी अहम भूमिका निभाई। NIA ने अगस्त 2020 को पुलवामा हमले को लेकर साढ़े तेरह हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें 19 आरोपियों के नाम शामिल किए गए थे, जिनमें से 6 की मौत हो चुकी है। ये 6 आतंकी अलग-अलग ऑपरेशन में मारे गए।
आज 14 फरवरी को छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर सवाल पूछा है, उन्होंने लिखा है-
सवाल तो है साहेब!
जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां 300 किलो RDX कैसे पहुंचा?कौन था इस षडयंत्र के पीछे?
पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों को कोटि-कोटि नमन। राष्ट्र उनकी शहादत को सलाम करता है।