कोर्ट ने किया पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर का केस खारिज
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टीआरपी डेस्क। पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के द्वारा प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने रमानी के खिलाफ अकबर की ओर से दाखिल मानहानि मुकदमे को खारिज किया। जिसके बाद कोर्ट ने मानहानि केस में प्रिया रमानी को बरी भी कर दिया।

सामाजिक प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति भी कर सकता है यौन शोषण

कोर्ट ने कहा, ‘यौन शोषण आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को ख़त्म कर देता है। किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा किसी के सम्मान की क़ीमत पर नहीं की जा सकती है। महिलाओं के पास दशकों बाद भी अपनी शिकायत रखने का अधिकार है। सामाजिक प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति भी यौन शोषण कर सकता है।’

दशकों बाद भी महिला अपराध के खिलाफ उठा सकती है आवाज़

राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा, ‘पीड़ित को कई साल तक यह नहीं पता था कि उसके साथ क्या हो रहा है। महिला को अपने साथ हुए अपराध के बारे में कभी भी और कहीं भी अपने बात रखने का अधिकार है। दशकों के बाद भी महिला अपने के खिलाफ हुए अपराध के खिलाफ आवाज़ उठा सकती है। महिला को यौन शोषण अपराध के खिलाफ आवाज उठाने पर सजा नहीं दी जा सकती है।’

‘Me Too’ अभियान के दौरान लगाया आरोप

आपको बता दें, साल 2018 में Me Too अभियान के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एमजे अकबर के खिलाफ शोषण का आरोप लगाया था। जिसके बाद झूठे आरोपों का हवाला देकर इस मामले पर एमजे अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

पत्रकार के खिलाफ कराया मानहानि का मामला दर्ज

पत्रकार का आरोप था कि करीब 20 साल पहले जब अंग्रेजी अखबार के एम जे अकबर संपादक थे तो उन्होंने इंटरव्यू के दौरान उनका शोषण किया था। आरोप लगने के बाद 17 अक्टूबर 2018 को अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद अकबर ने रमानी के खिलाफ छवि खराब करने और निराधार बेबुनियाद आरोप लगाने को लेकर 15 अक्टूबर, 2018 को मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

मामले की सुनवाई के दौरान एमजे अकबर ने कोर्ट में कहा था कि 20 साल पहले लगाए गए आरोपों को प्रिया रमानी साबित नहीं कर सकी हैं। उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आरोप झूठे हैं।

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