टीआरपी डेस्क। पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने अपने आधिकारिक चुनावी अभियान का आगाज कर दिया है। साथ ही टीएमसी ने चुनावी अभियान में बंगाली कार्ड खेला है। चुनाव से पहले ही पार्टी की तरफ से स्लोगन भी जारी किया है।

स्लोगन का थीम है, ‘बांग्ला निजेर मेये के चाय’ जिसका अर्थ है, बंगाल अपनी बेटी चाहता है। बंगाल की सत्ता के लिए हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रही टीएमसी ने बंगाली अभिमान और बंगाली संस्कृति की रक्षा का भरोसा जनता को दिया।
टीएमसी सांसद काकोली घोष ने कहा कि बंगाल को बुरी ताकतों से बचाने के लिए राज्य के लोग अपनी ‘बेटी’ के साथ है। टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि हमारे पास मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर ममता बनर्जी हैं। जिन्हें बंगाल के सभी लोग चाहते हैं, जबकि अन्य पार्टियां अब भी अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे की तलाश में हैं।
ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हमारा संदेश जोरदार है और स्पष्ट है। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक बंगाल में केवल एक ही नाम गूंज रहा है और वह है ममता बनर्जी। ममता बनर्जी ही हैं जो एड़ी चोटी का जोर लगाकर अपने लोगों के लिए लड़ती हैं और बेजुबान की आवाज बनती हैं।
अनुमान जताया जा रहा है कि इस साल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और टीएमसी के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिलेगी। चुनाव से पहले टीएमसी के कई सीनियर नेताओं ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। वहीं बीजेपी की तरफ से जेपी नड्डा, अमित शाह और खुद पीएम मोदी रैली में जा चुके हैं।
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