सामाजिक कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज अमेरिका में एंटी करप्शन अवार्ड से सम्मानित, पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दों पर करती हैं काम
सामाजिक कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज अमेरिका में एंटी करप्शन अवार्ड से सम्मानित, पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दों पर करती हैं काम

टीआरपी डेस्क। आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार रोधी चैम्पियंस पुरस्कार (एंटी करप्शन अवार्ड) से सम्मानित किया है। अंजलि पिछले दो दशकों से सूचना के अधिकार आंदोलन में एक सक्रिय सदस्य की भूमिका में नजर आई हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए एक जनआंदोलन खड़ा कर रखा है।

अंजली सतर्क नागरिक संगठन (एसएनएस) की संस्थापक हैं। इसके तहत वो सरकार में पारदर्शिता रखने और जवाबदेही तय करने के साथ नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करती हैं। वहीं, वह सूचना के जन अधिकार के राष्ट्रीय अभियान की संयोजक भी हैं। अंजलि सूचना का अधिकार, लोकपाल, व्हिसल ब्लोअर्स संरक्षण अधिनियम, शिकायत निवारण और भोजन के अधिकार से संबंधित मुद्दों पर काम करती हैं।

आरटीआई कार्यकर्ताओं की मेहनत है यह पुरस्कार

अंजलि ने कहा है कि ये पुरस्कार उन सभी लोगो की मेहनत है जो सरकार से सूचना लेने, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने और जवाबदेही मांगने को लेकर सामूहिक तौर पर कार्य करते हैं। वह बताती हैं कि मौलिक अधिकारों को हासिल करने के अलावा आरटीआई का इस्तेमाल अलग-अलग विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने और सत्ता का दुरुपयोग कर रहे लोगों को रोकने के लिए करती हैं ताकि सभी संबंधित विभागों की जवाबदेही तय हो।

आरटीआई कानून को संशोधित कर कमजोर बना दिया

अंजलि बताती हैं कि आज सभी जगह पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर बहुत सारी समस्याएं आ रही हैं। बीते साल सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून को संसोधित कर उसे कमजोर बना दिया गया। साथ ही सूचना आयोग में समय से नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं, इससे भी कानून कमजोर हो रहा है।

अब तक 80 आरटीआई कार्यकर्ताओं की हो चुकी है हत्या

देश में अब तक 80 से ज्यादा लोगो की हत्या कर दी गई क्योंकि वह सूचना के अधिकार के तहत अर्जी लगाकर भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे थे। जो लोग आवाज उठा रहे हैं या जवाबदेही मांग रहे हैं उनका जीवन में खतरे में रहता है। ऐसे में जब भ्रष्टाचार उजाकर करने को लेकर सम्मानित किया जाता है तो एक उम्मीद की किरण दिखती है कि आज भी लोग भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहते हैं।

60 लाख से ज्यादा लोग लगाते हैं आरटीआई

अंजलि ने बताया कि देश में लगभग 60 लाख आरटीआइ लगती हैं जिसमें लोग अपने मौलिक अधिकारों के बारे में सूचना मांगते हैं। अंजलि के मुताबिक आज भ्रष्टाचार रोजमर्रा के जीवन में छोटी से छोटी चीज में देखने को मिल जाएगा। चाहे वो राशन हो, पेंशन हो, पानी हो या साफ-सफाई कोई भी चीज भ्रष्टाचार से अछूती नहीं रही। वह भ्रष्टाचार के कई मुद्दों पर अलग-अलग संगठनों और अभियानो के साथ मिलकर कार्य करती हैं।

डीयू की रही हैं छात्रा

अंजलि ने बताया कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित लेडी श्री राम कालेज से स्नातक किया है। वहीं, आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एमएससी की डिग्री करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित दिल्ली स्कूल आफ इकोनामिक्स से अर्थशास्त्र में परास्नातक किया। फिलहाल वह दिल्ली के आइआइटी गेट के पास रहती है। अंजलि की दो बेटियां हैं दोनो अभी पढ़ाई पूरी कर रही हैं।

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