रायपुर। रोजाना स्कूल में मिल रहे कोरोना पॉजिटिव मामलों ने छात्रों के परिजनों की चिंता बढ़ा दी है। उनकी चिंता पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्कूल खोलने के आदेश पर एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।

बता दें कि परिजनों ने सरकार के स्कूल खोलने के निर्णय को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई है। कहा गया है कि बच्चों के वैक्सीनेशन के बिना स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने 15 फरवरी से स्कूलों को 9वीं से 12वीं क्लास तक खोलने का आदेश दिया था। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में हुई।
छत्तीसगढ़ छात्र पालक संघ के अध्यक्ष नजरुल खान ने अपने अधिवक्ता टीके झा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने राज्य शासन के स्कूल खोलने के आदेश को चुनौती दी है। परिजनों द्वारा जारी याचिका में कहा गया है कि शासन का यह निर्णय गलत है। अभी कोरोना समाज से खत्म नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता का कहना है कि बच्चे एक-दूसरे के संपर्क में आएंगे। इससे सोशल डिस्टेंसिंग टूटेगी और कोरोना का खतरा बन जाएगा।
जहां स्कूल खोले गए, वहां की भी स्थिति बताई गई
यचिका में कहा गया है कि बच्चों को वैक्सीनेशन किए बिना ही स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। अभी सिर्फ हेल्थ वर्कर्स, उसके बाद 50 वर्ष के ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगना है। केरल, आंध्रप्रदेश, ओडिशा और अन्य जगहों में खोले गए स्कूलों की स्थिति को लेकर भी बताया गया। हाईकोर्ट से मामले को संज्ञान लेकर हस्तक्षेप करने की मांग की थी। तर्क सुनने के बाद और प्रदेश में बढ़े कोरोना संक्रमण को देखते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।