छत्तीसगढ़ समेत देश के इन 10 राज्यों में 1 मार्च से सीएससी पर बनेंगे निशुल्क आयुष्मान कार्ड
छत्तीसगढ़ समेत देश के इन 10 राज्यों में 1 मार्च से सीएससी पर बनेंगे निशुल्क आयुष्मान कार्ड

रायपुर। आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज कराने वाले लोगों को अब इस कार्ड को बनाने के लिए किसी प्रकार की फीस नहीं देनी होगी। यह कार्ड जिले के कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में मुफ्त में बनाया जाएगा।

बता दें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी तथा कॉमन सर्विस सेंटर के बीच 18 फरवरी, 2021 को एमओयू पर हुए हस्ताक्षर के बाद सुविधा लोगों को छत्तीसगढ़ समेत देश के 10 राज्यों में 1 मार्च से आयुष्मान कार्ड नि:शुल्क बनाया जाएगा।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत इन रज्यों के लाेगों को पीवीसी (पोलिविनाइल क्लोराइड) आयुष्मान कार्ड मुफ्त दिए जाएंगे।

इसको लेकर यह प्रक्रिया पहले चरण में 10 राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में शुरू की जा रही है, जिनमे छत्तीसगढ़ समेत बिहार, मणिपुर, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, त्रिपुरा, नागालैंड, चंडीगढ़, पुदूचेरी तथा मध्यप्रदेश आदि शामिल हैं। अन्य प्रदेशों में भी निशुल्क पीवीसी आयुष्मान कार्ड वितरण की तिथि जल्द ही घोषित की जायेगी।

पीवीसी आयुष्मान कार्ड किसी भी सेंटर से कर सकेंगे प्राप्त

ई गर्वेंनेंस द्वारा आपसी सहमति के बाद हुए करार के बाद पीवीसी आयुष्मान कार्ड निशुल्क बनाया जाना है। पूर्व में आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर 30 रुपये का शुल्क देना पड़ता था। आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध किये गये अस्पतालों में इलाज के लिए बनाये जाने वाले आयुष्मान कार्ड को अब बिना किसी शुल्क के जेनेरेट किया जाना है।

इस नई व्यवस्था के तहत पहले पेपर आधारित कार्ड दिया जायेगा। इसके बाद एक पीवीसी प्रिंट किया हुआ कार्ड दिया जायेगा। पीवीसी आयुष्मान कार्ड किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर से प्राप्त किया जा सकेगा। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने व इलाज आदि के लिए आयुष्मान कार्ड आवश्यक रूप से हो ऐसा नहीं है, बल्कि यह लाभुकों को चिन्हित करने की प्रक्रिया है। साथ ही इसकी मदद से स्वास्थ्य सेवाओं के मुहैया कराने में होने वाली गड़बड़िया व धोखेबाजी को रोकना है।

भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराये जाने की दिशा में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना एक मुख्य कार्यक्रम है। इस योजना के तहत सालाना प्रति परिवार प्रति 5 लाख रुपये का इलाज की सुविधा दी गयी है, जिसमें 10.74 करोड़ लाभुकों यानी लगभग 53 लाख परिवारों को दूसरे एवं तीसरे स्तर की चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चिन्हित किया गया है।

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