आजीविका मिशन से जुड़ी 30 महिला समूहों के लाखों रुपए लेकर गायब हुई कंपनी, अफसरों की लापरवाही का नतीजा
आजीविका मिशन से जुड़ी 30 महिला समूहों के लाखों रुपए लेकर गायब हुई कंपनी, अफसरों की लापरवाही का नतीजा

टीआरपी डेस्क। धमतरी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यहां जिस कंपनी ने वाशिंग पाउडर पैकेजिंग के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने का अनुबंध किया था।

उसने 30 महिला समूहों से लाखों रु लेने के बावजूद अब तक कच्चा माल उपलब्ध नहीं कराया है। हैरत की बात यह है इतना बड़ा फर्जीवाड़ा होने के बाद भी अफसरों को भनक तक नही लगी।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने गांवों के गरीब परिवारों को मुख्यधारा से जोड़ने और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये उनकी गरीबी दूर करने के मकसद से 2011 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की शुरूआत की थी। इसके तहत गांव की महिला समूहों को शासकीय योजनाओं का लाभ और प्रशिक्षण से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में पहल भी किया जा रहा है, लेकिन धमतरी जिले के कुरूद में महिलाएं ठगी का शिकार होकर अपना लाखों रुपए गंवा चुकी हैं।

बिहान योजना को पलीता लगाया कंपनी ने

कुरूद में “बिहान” योजना के तहत शासन ने अजीविका संचालित करने के लिए महिला स्व सहायता समूहों और श्रीमद एग्रो प्रोसेसिंग एंड मार्केटिंग प्राईवेट लिमिटेड रायपुर के बीच एक अनुबंध कराया था। इसके तहत महिलाओं को कंपनी वाशिंग पाउडर बनाने और पैकेजिंग के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने के साथ ही मार्केटिंग भी करेगी, हालांकि इस बीच कंपनी ने अपने अनुबंध के अनुसार कुछ महिला समूहों को ही कच्चा माल उपलबध कराया और इसके एवज में समूहों से पैसे भी लिए।

महिलाओं ने बकायदा वाशिंग पाउडर बनाने से लेकर पैकेजिंग कर कंपनी को सुपुर्द किया, पर महीनों बीत जाने के बाद भी उन्हे कंपनी ने न तो मेहनताना दिया, और न ही समूह की मूल राशि लौटाई। हालत यह है कि अब कंपनी न तो महिलाओ से संपर्क कर रही है, और न ही कोई जवाब दे रही है। महिला समूह की सदस्य भावना ने बताया कि कंपनी के एजेन्ट रामशरण टंडन को उन्होने 18 लाख 88 हजार रुपए दिए थे और यह राशि उन्होने बैकों से कर्ज लेकर दी थी। आज वे 11 महीने से भटक रही हैं।

कार्रवाई की उठने लगी मांग

इस मामले में अब सियासत भी शुरू हो गई है। कुरूद के भाजपा नेता भानूचंद्राकर ने इस मामले में शासन प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। इस तरह का फर्जीवाड़ा क्षेत्र में पहली बार हुआ है। अगर ठोस कार्रवाई नही हुई, तो आने वाले दिनों में वे आंदोलन का रूख अख्तियार करेंगें। विधानसभा में भी इस फर्जीवाड़े के लिए सरकार से भी सवाल किए जाएंगें।

शिकायत के बाद गंभीर हुए अफसर

इस मामले में जनपद पंचायत कुरूद के सीईओ सत्यानाराण वर्मा ने बताया कि महिलाओं की शिकायत पर कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है, मगर कंपनी की ओर से अभी तक कोई जवाब नही आया है, और न ही कंपनी से कोई संपर्क हो पा रहा है। ऐसे में कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। वहीं कुरूद टी आई राम नरेश सेंगर का कहना है कि कंपनी से पूछताछ की जाएगी, शिकायत सही पाए जाने पर कंपनी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

महिला समूहों की महिलाओं के साथ हुए इस फर्जीवाड़े कई तरह के सवाल भी खडे़ किए हैं। आखिर बिना जांच किए उस कंपनी से अनुबंध कराया गया था, या फिर इस अनुबंध में कोई मोटी कमीशन का खेल खेला गया। इस मामले में महिलाओं को शुरू से ही गुमराह किया गया है। अब देखना होगा कि महिलाओं को उनका हक वापस मिलता है या नही, या इसी तरह महिलाएं अफसरों की लापरवाही से धोखाधड़ी का शिकार होती रहेंगी।

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