पेगासस विवाद : SC से सरकार को मिली बड़ी राहत, इन बातों को गुप्त रखने की दी गई छूट
पेगासस विवाद : SC से सरकार को मिली बड़ी राहत, इन बातों को गुप्त रखने की दी गई छूट

टीआरपी डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 8 चरण में चुनाव (West Bengal Election) कराए जाने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। ये याचिका वकील एम एल शर्मा (ML Sharma) ने दायर की थी।

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने एम.एल. शर्मा से कहा कि आप इस मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट क्यों नहीं गए। सीजेआई ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने की सलाह दी। एमएल शर्मा ने कोर्ट में कहा कि वे राज्य की शांति-व्यवस्था समेत अन्य मसले लेकर आया हूं। उन्होंने सीजेआई के सवाल पर कहा, “1996 के महेंद्र सिंह गिल फैसले में कहा गया है कि नोटिफिकेशन के बाद हाई कोर्ट चुनाव संबंधी याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकता।” इस पर सीजेआई ने कहा कि हाईकोर्ट के पास यह अधिकार है। आप बताएं कि क्या पूर्व के फैसले में ऐसा कहा गया है।

शर्मा ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ा है, हालांकि सीजेआई उनकी दलीलों से सहमत नहीं हुए और याचिका को खारिज कर दिया। एम एल शर्मा ने याचिका में कोर्ट से चुनाव आयोग को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि वह राज्य में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव नहीं कराए क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करता है।

बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल तक चुनाव

चुनाव आयोग ने 26 फरवरी को पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में होने वाले चुनावों के लिए कार्यक्रम की घोषणा की थी। पश्चिम बंगाल में जहां 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच 8 चरणों में चुनाव होंगे, वहीं तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को चुनाव होंगे। असम में तीन चरणों में चुनाव होने हैं।

याचिका में कोर्ट से यह भी अनुरोध किया गया कि वह पश्चिम बंगाल में चुनावों के दौरान कथित तौर पर धार्मिक नारे लगाने को लेकर सीबीआई को मामला दर्ज करने का निर्देश दे। याचिका में कहा गया कि “जय श्री राम और अन्य धार्मिक नारे लगाने से वैमनस्य फैल रहा है” यह भारतीय दंड संहिता (IPC) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को भी खारिज कर दिया।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर…