धर्मान्तरण
‘धर्मान्तरण के बगैर मुस्लिम महिला की हिंदू शख्स से शादी मान्य नहीं’

टीआरपी डेस्क। हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट ने आज एक फैसले में कहा है कि एक मुस्लिम महिला और हिंदू शख्स की शादी तब तक मान्य नहीं होगी जब तक महिला धर्मान्तरण न करे. कोर्ट ने ये फैसला 18 साल की मुस्लिम लड़की की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया.

याचिकाकर्ता ने 25 साल के युवक से इसी साल 15 मार्च को शादी की थी. कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि कि जब तक लड़की धर्म परिवर्तन नहीं करती, तब तक उनकी शादी मान्य नहीं होगी.

परिवार से मिल रही थी धमकी

इसी के साथ कोर्ट ने ये भी कहा कि क्योंकि यो दोनों बालिग हैं, ऐसे में आपसी समझ से संबंध रख सकते हैं. दरअसल लड़की ने सुरक्षा कवच के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था क्योंकि उन्हें उनके परिवार से धमकी मिल रही थी.

पुलिस से नहीं मिली मदद

पति पत्नी ने कोर्ट में बताया कि इससे पहले वह मदद मांगने के लिए अंबाला में पुलिस के पास भी गए थे लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं की गई जिसके बाद उन्हें मजबूर हाईकोर्ट से मदद मांगने आना पड़ा. कोर्ट ने इस मामले में अंबाला के एसपी को दोनों की सुरक्षा के लिए जल्द-जल्द जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है.

इससे पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने परिवार की इच्छा के विरुद्ध जाकर शादी करने वाले जोड़ों की सुरक्षा को लेकर अहम सुझाव दिया है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे जोड़ों की जिंदगी और आजादी की रक्षा के लिए दोनों राज्यों के साथ-साथ राजधानी चंडीगढ़ में भी सेफ हाउस उपलब्ध कराए जाने चाहिए.

न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन ने बुधवार को अंतरिम आदेश में कहा, “इस तरह की याचिकाएं उन जोड़ों द्वारा दायर की जा रही हैं जिन्होंने अपने माता-पिता और रिश्तेदारों की इच्छा के विरुद्ध विवाह किया है. इस अदालत से लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों से भी संपर्क किया जा रहा है.”

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