बड़ी खबर : कार्यस्थल पर कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने की तैयारी, 11 अप्रैल से हो सकती है शुरुआत
बड़ी खबर : कार्यस्थल पर कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने की तैयारी, 11 अप्रैल से हो सकती है शुरुआत

रायपुर। कोविड 19 वैैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद भी यदि कोरोना संकमण होता है। तो वह मामूली होगा उतना अधिक गंभाीर नही होगा। ऐसी स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की संभावनाएं नहीं रहेगी। जवाहर लाल नेहरू इंस्टीट्यूट पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पुडुचेरी द्वारा हाल ही में आयोजित सेमिनार में उक्त तथ्य सामने आया कि अब तक लाखों लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। मगर लेकिन उसके बाद भी ज्रिन्हे संक्रमण हुआ है ऐसे लोगों की संख्या दहाई के आंकड़े में ही है।

इससे यह साबित होता है कि दोबारा संक्रमण होना दुर्लभ घटना है। इस आधार पर लोगों केा टीका लगाने से बचना नही चाहिए क्योंकि वैक्सीन लगाने से सभी के शरीर में एंटीबॉडी बनती है और प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है। यदि वैैक्सीनेटेड व्यक्ति दोबारा संक्रमित हो भी जाएगा लेकिन उसकी स्थिति गंभीर नही हेागी, मामूली संक्रमण ही होगा। वैक्सीन की दोनो डोज लगाने के बाद भी मास्क लगाना भीड़ से बचना जरूरी होगा क्योंकि वैक्सीन शत प्रतिशत सुरक्षा नहीं देता है।

सेमीनार में कुछ निष्कर्ष भी सामने आए कि हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र एंटीबाडी के साथ ही टी सेल भी बनाता है। यह टी सेल वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद हरकत में आता है और वायरस से लड़ता है। वैज्ञानिकों के अनुसार जब तक किसी जनसंख्या के 70 प्रतिशत को इम्यूनिटी नही आ जाती, चाहे वह वैक्सीन लगाने से हो या प्राकृतिक रूप से हो, तब तक इस प्रकार के संक्रमण होंगे।

इससे बचने के लिए पात्र व्यक्तियों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाना, विशेष तौर पर बुजुर्गाें को, सभी को मास्क लगाना, भीड़ से बचना, बंद भीड़ वाली जगहों में नही जाना और हाथों की साबुन पानी से सफाई जरूरी है। सेमीनार में एस जी पी जी आई लखनउ की डाॅ. अमिता अग्रवाल, वेल्लेार से डाॅ. गगनदीप, डाॅ. एंडू पोलार्ड,डाॅ संजय वर्मा चंडीगढ़ एवं अन्य विशेषज्ञ उपस्थित थे।

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