साइबर सेल की तत्परता से बचे सीएसईबी कर्मी के 17 लाख रुपए, खाते से ड्रॉ किए गए रुपए ठगों से दिलाए वापस
साइबर सेल की तत्परता से बचे सीएसईबी कर्मी के 17 लाख रुपए, खाते से ड्रॉ किए गए रुपए ठगों से दिलाए वापस

कोरबा। कोरबा में सीएसईबी के सुरक्षा कर्मी को बैंक खाते का KYC अपडेट करने के नाम पर ठगों ने झांसा दिया और उसके अकाउंट से 17 लाख रुपए ड्रॉ कर लिए। मोबाइल पर मिले मैसेज से जब ठगे जाने का अहसास हुआ तब पीड़ित ने तत्काल पुलिस के साइबर सेल की मदद ली। पुलिस की तत्परता से दूर दराज में बैठे ठग अपने इरादे में कामयाब नहीं हो सके।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी के कोरबा संयंत्र में सुरक्षा कर्मी के तौर पर काम करने वाले गोविंद प्रसाद कैथवास को अज्ञात मोबाईल नंबर 9064740713 से रविकुमार नामक व्यक्ति का फोन आया जिसके द्वारा प्रार्थी को कहा गया कि मैं मुम्बई भारतीय स्टेट बैक कस्टमर केयर से बोल रहा हूॅ।

प्रार्थी को फरवरी में बैंक के द्वारा केवायसी करने का मैसेज आया था पर आपने अभी तक केवायसी नहीं कराया गया है, हम यहीं से आपका केवायसी अपडेट कर देंगे। आप फोन को होल्ड पर रखिए और केवायसी नंबर हम आपको भेज रहे हैं उसे नोट कर लिजिए। यदि आप केवायसी नहीं कराएंगे तो आपका बैंक बैलेंस होल्ड कर उसे जीरो कर दिया जाएगा। फिर आपके पास बैक से मैसेज में एक नंबर आएगा, उसे बताना पड़ेगा।

सतर्कता के बावजूद ड्रॉ हो गए रूपए

गोविंद प्रसाद का कहना है कि उसने ठगों द्वारा धमकाए जाने के बावजूद दो-दो बार उनका फोन काटा और OTP नंबर बताने से इंकार कर दिया, मगर थोडी देर बाद पुनः उक्त नंबर से प्रार्थी को फोन कर बताया गया कि आपका बैंक बैलेंस होल्ड कर आपका बैलेंस जीरो कर दिया गया है। आप केवायसी मैसेज दे दीजिए और आप जब तक केवायसी नहीं कराएंगे तब तक आपका बैक खाता होल्ड रहेगा। उसके बाद आप अपना पैसा बगैर केवायसी कराए निकाल नहीं सकते।

प्रार्थी द्वारा अपने योनो (नेट बैकिंग) के माध्यम से अपने एकाउंट का बैलेंस चेक करने पर एकांउट का बैलेस जीरो हो गया था। तुरंत एटीएम में जाकर बैलेंस चेक करने पर 17 लाख 83 हजार रूपए का आहरण दिखाते हुए शेष रकम 38 पैसा प्रदर्शित हो रहा था।

तत्काल शिकायत से पीड़ित को हुआ फायदा

प्रार्थी द्वारा तत्काल कोरबा के चौकी रामपुर आकर अपने एसबीआई एकाउंट नंबर से 17 लाख 83 हजार रूपये योनो एप्स/इंटरनेट बैकिंग के माध्यम से ठगी हो जाने की लिखित शिकायत दर्ज कराने पर रामपुर चैकी प्रभारी/सायबर सेल कोरबा उनि मयंक मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सायबर सेल को कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया।

रविवार को बैंक बंद होने के कारण ठगों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने में अत्यधिक समस्या आने के बावजूद सायबर सेल के द्वारा विशेष रूचि लेकर आवेदक के बैक एकांउट नंबर एवं कार्ड नंबर को बैंक में मेल कर जानकारी दी गई और तत्परता से कार्यवाही करते हुए लगातार बैंक से संपर्क कर ट्रान्जेक्शन को होल्ड कराया गया। सायबर सेल की तत्परता से कुल राशि 17 लाख 83 हजार रूपए वापस प्रार्थी के एकाउंट में कराए गए।

आखिर कैसे कर लिया गया अकाउंट हैक ?

पुलिस के मुताबिक अक्सर एकाउंट धारकों का इंटरनेट बैकिंग आईडी एवं पासवार्ड कॅामन, सरल शब्दों में होने, अपने नाम का आईडी पासवर्ड बनाने केे कारण या बैक कर्मी द्वारा शुरूआत में प्रार्थी का आईडी एवं पासवर्ड बनाए गए यूजर आईडी/पासवर्ड काॅमन होने के कारण या स्वयं के द्वारा अपना पासवर्ड में बदलाव नहीं करने के कारण ठगों के द्वारा आसानी से इंटरनेट बैकिंग, योनो एकाउंट को हैक कर लिया जा रहा है।

ठगों द्वारा योनो एकांउट को हैक करने के पश्चात ट्रान्जेक्शन करने के लिए केवायसी कराने के नाम से ओटीपी की मांग की जाती है और प्रार्थी के योनो एप्स के माध्यम से पूरी राशि को एफडी कर लिया जाता है।

चूंकि एफडी करने के लिए मोबाईल में ओटीपी की जरूरत नही पड़ती है, इसका फायदा उठाकर ठगों के द्वारा प्रार्थी के एकाउंट की पूरी राशि को एफडी कर केवाायसी कराने के नाम से ओटीपी भेजकर ठगी की जा रही है।


प्रार्थी की संपूर्ण आहरित रकम वापस दिलाने में सायबर सेल कोरबा से उनि मयंक मिश्रा, सउनि दुर्गेश राठौर, आरक्षक प्रशांत सिंह, आर. गुना राम, आर. विरकेश्वर सिंह, आर. रवि चौबे, आर. डेमन ओग्रे, महिला आर. रेणु टोप्पो का विशेष योगदान रहा।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर…