दुर्लभ प्रजाति का 17 फिट का किंग कोबरा मिला कोरबा के बताती जंगल में, रेस्क्यू कर सुरक्षित छोड़ा गया जंगल में, देखिए वीडियो
दुर्लभ प्रजाति का 17 फिट का किंग कोबरा मिला कोरबा के बताती जंगल में, रेस्क्यू कर सुरक्षित छोड़ा गया जंगल में, देखिए वीडियो

कोरबा। कोरबा वन मंडल के बताती जंगल से लगे गांव में 17 फिट का किंग कोबरा पकड़ में आया, साउथ एशिया में मिलने वाला दुर्लभ प्रजाति का यह किंग कोबरा बताती के गांव में घर के बरामदे में रखे बांस के नीचे बैठा हुआ था, जिसको देखकर घर पर मौजूद लोग भाग खड़े हुए।

ग्रामीणों की सूचना पर स्नेक रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर इस विशालकाय सांप को पकड़ा और वन विभाग की टीम की मौजूदगी में सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया।

इतने बड़े सांप को देखकर हैरान थे गांव वाले

उर्जाधानी कोरबा अब नागलोक भी बनता जा रहा है, यहाँ हर वर्ष बड़ी संख्या में जहरीले सांप और बड़े.बड़े अजगर पकड़ में आते हैं। मगर पहली बार यहां विशालकाय किंग कोबरा पकड़ में आया, जिसे देखकर सब लोग हैरान थे। यहां एक मकान के बरामदे में रखे बांस के ढेर के नीचे किसी बड़े सांप के छिपे होने की सूचना पर स्नेक रेस्क्यू की टीम जितेंद्र सारथी के नेतृत्व में वन कर्मियों के साथ पहुंची।

आक्रामक होता है किंग कोबरा

मौके पर पहुंचने पर देखा गया कि गाँव वाले बड़ी संख्या में खड़े हुए हैं, तब यहाँ से तुरंत भीड़ को हटाया गया, क्योंकि किंग कोबरा बहुत ही फुर्तीला और गुस्सैल होता हैं। रेस्क्यू के दौरान कोई अप्रिय स्थिति निर्मित न हों इसके लिए सभी को यहां से हटाया गया, जिसके बाद जितेंद्र सारथी ने अपने टीम के सदस्यों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया, बांस के नीचे बैठे विशालकाय किंग कोबरा को काफी मशक्कत के बाद पकड़ा गया।

सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया किंग कोबरा

कोरबा डीएफओ प्रियंका पाण्डेय ने बताया कि किंग कोबरा के मिलने की सूचना पर वह स्वयं रेस्क्यू टीम के साथ मौके पर पहुंची, जहां सांप को रेस्क्यू कर उसे जंगल में छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि बताया कि यह किंग कोबरा की विशेष प्रजाति है जो वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन की श्रेणी में आता है, जिसे बड़े ही सावधानी से रेस्क्यू कर पकड़ा और छोड़ा जाता है।

बताती का घना जंगल अनुकूल है किंग कोबरा के लिए

इससे पहले भी बताती क्षेत्र में किंग कोबरा पाया गया था मगर, इस बार एक विशालकाय किंग कोबरा पाया गया है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र का जंगल उनके अनुकूल है। यह प्रजाति ज्यादातर साउथ एशिया में पाई जाती है। सर्प मित्र दल के द्वारा बड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर उसे पकड़ा गया और उसे सुरक्षित जंगल में रिलीफ किया गया। इस मौके पर डीएफओ प्रियंका पाण्डेय ने पूरी टीम और वन विभाग के कर्मचारियों को बधाई दी।

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