नई दिल्ली। देश में कोरोना (corona) वायरस की दूसरी लहर ने सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है.। अगर कोरोना महामारी से देश की अर्थव्यवस्था को खतरा पैदा हुआ तो एक और आर्थिक राहत पैकेज भी दिया जा सकता है, इसके संकेत नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दिए हैं.।

नीति आयोग ने कहा है कि देश को उपभोक्ता और निवेश के मामले में अधिक अनिश्चितता के लिए तैयार रहने की जरूरत है.। आयोग का कहना है कि जरूरत पड़ने पर सरकार राजकोषीय उपायों के साथ हालात का सामान करेगी। आपको बता दें कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के भारी भरकम राहत पैकेज का ऐलान किया था।
कई सेक्टरों पर पड़ रहा है असर
उन्होंने कहा कि सर्विस सेक्टर समेत कई क्षेत्रों पर कोरोना महामारी का प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों पर इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव भी दिखाई देंगे. ऐसे में उपभोक्ता और निवेशक दोनों को तैयार रहने की जरूरत है.। मुझे यकीन है कि सरकार भी आवश्यक राजकोषीय उपायों के साथ इस पर रिस्पांस करेगी। रिजर्व बैंक ने बेंचमार्क ब्याज दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ दिया था. हालांकि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक आक्रामक रुख बनाए रखा।
11 प्रतिशत तक बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
बताते चलें कि पिछले साल कोरोना महामारी शुरू होने पर केंद्र सरकार ने देश में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए श्आत्मानबीर भारतश् पैकेज की घोषणा की थी. इस घोषणा में करीब 27.1 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया गया था। राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद का 13 प्रतिशत से अधिक था. चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि के बारे में, कुमार ने कहा कि विभिन्न अनुमान बताते हैं कि यह लगभग 11 प्रतिशत होगा।
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