टीआरपी डेस्क। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए प्रदेश के अधिकांश जिलों में लॉकडाउन लगा हुआ है। ऐसे मौके पर प्रशासनिक अमला कानून व्यवस्था बनाने में जुट जाता है और उधर मौकापरस्त लोग अपना उल्लू सीधा करने में लग जाते हैं। सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा करने वाले ऐसे ही मौकों की तलाश में रहते हैं। इन दिनों प्रदेश भर से सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की खबरें आ रही हैं। जहां प्रशासनिक अमला दुरुस्त है, वहां कार्रवाई हो रही है, अन्यथा ऐसे बेजा कब्जों पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य भी हो रहे हैं।

रातों रात हो रहे हैं निर्माण कार्य
हम बात कर रहे कोरबा नगर के दर्री जोन की जहां की रामनगर बस्ती में लॉक डाउन के दौरान सरकारी जमीन पर लगे हरे भरे पेड़ों को काटकर लोगों ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। कोई मकान बना रहा था तो कोई दुकान। इसके अलावा ऐसे लोग भी थे जो भविष्य में निर्माण करने के लिए बेजा कब्जे की जमीन पर बॉउंड्री वॉल बना रहे थे।
सूचना पर पहुँचा निगम का तोड़ू दस्ता
दर्री जोन में हरे भरे पेड़ों को काटकर कब्जे की जमीन पर निर्माण करने की सूचना पर निगम का तोड़ू दस्ता पुलिस बल के साथ यहाँ पहुंचा। इस दौरान बड़ी संख्या लोग यहां एकत्र हो गए, पर किसी ने भी निगम की कार्रवाई का विरोध नही किया और चंद मिनटों में ही यहां निगम के बुलडोजर ने सभी निर्माण कार्यों को ढहा दिया। तोडू दस्ते का नेतृत्व कर रहे निगम के सहायक अभियंता योगेश राठौर ने बताया कि पूर्व में शिकायत मिलने पर निगम आयुक्त ने अवैध निर्माण कार्यों को लेकर नाराजगी जताई थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
कब्जे के पीछे रसूखदार लोगों का हाथ
कोरबा के दर्री जोन में स्थान पर निर्माण कार्य चल रहा था, वहां बड़ी मात्रा में निर्माण सामग्रियां राखी हुई हैं, इससे यह साफ नजर आ रहा था कि इस कार्य के पीछे सक्षम लोगों का हाथ है, ऐसे लोग अपने स्वार्थ के लिए गरीबों को आगे कर देते हैं। बाद में जब निर्माण पूरा हो जाता है तब धीरे से इस पर इनका कब्ज़ा हो जाता है।
प्रदेश भर में चल रहा है कब्जे का खेल
लॉक डाउन के दौरान इन दिनों अधिकांश स्थानों पर सरकारी जमीनों पर इसी तरह का अतिक्रमण हो रहा है। अधिकांश स्थानों पर झुग्गी बस्तियों के किनारे सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए बचाकर रखी गई जमीनों पर मौका पाकर लोग कब्ज़ा कर रहे हैं, आलम यह है कि कई स्थानों पर लोग निगम अमले या फिर जनप्रतिनिधियों की शह पर निर्माण कार्य कर रहे हैं। जरुरत है इस तरह के अतिक्रमण पर रोक लगाने की, अन्यथा आने वाले समय में आम लोगों की जरूरतों के लिए कहीं भी जमीन नहीं बच पायेगी।