अवैध रूप से बन रहे 45 लाख ईंटे जब्त किये तहसीलदार ने, अब तक खनिज विभाग का मिल रहा था संरक्षण

टीआरपी डेस्क। गर्मी के मौसम में जगह जगह सरकारी और निजी जमीनों पर अवैध तरीके से लाल ईंटे बनाने का कारोबार शुरू हो जाता है। अक्सर ऐसे कारोबारियों को खनिज विभाग का संरक्षण होता है, तभी तो इन पर कोई भी कार्रवाई नहीं होती। मगर कोरबा इलाके में इस बार अवैध ईंट निर्माताओं की मंशा पर पानी फिर गया है। यहां के तहसीलदार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए लाखों ईंटों को जब्त कर लिया है।

अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

कोरबा के नायब तहसीलदार एम एस राठिया ने यह बड़ी कार्यवाही करते हुए विभिन्न इलाकों के 27 लोगों से अवैध रूप से बनाये गए 45 लाख ईंटों को जप्त किया है। हालाँकि यह काम खनिज विभाग का है, लेकिन यहां लम्बे समय से अवैध लाल ईंटों का निर्माण और विक्रय चल रहा है। नायब तहसीलदार एम एस राठिया ने शिकायत के आधार पर ढेलवाडीह,बेंदरकोना और आसपास के इलाकों में दबिश दी जहाँ अनेक लोगों द्वारा अवैध ईंटों का निर्माण किया जा रहा था जिसे जप्त करने की कार्यवाही की गयी है। बताते चलें कि क्षेत्र में यह ईंट निर्माण से संबंधित अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है

हर साल होता है करोड़ों का कारोबार

कोरबा जिले में अनेक स्थानों पर बारिश का मौसम खत्म होते ही ईंट भट्ठों का कारोबार शुरू हो जाता है। कायदे से इसके लिए खनिज विभाग से अनुमति लेने का प्रावधान है, मगर ईंट कारोबारी कुम्हारों को आगे करके उन्हें ईंट बनाने के लिए छूट होने की बात प्रचारित कर देते है, मगर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सच तो यह है कि खनिज विभाग का अमला ईंट भट्ठों से वसूली करता है और इन्हें संरक्षण देता है। जिले भर में इस तरह अवैध ईंटों से करोड़ों का कारोबार होता है।

भट्ठे के लिए आसानी से मिलता है अवैध कोयला

कोरबा जिले में कोयले के बड़े बड़े खदान हैं, मगर कोयले की खुले बाजार में बिक्री नहीं होती, बावजूद इसके अवैध ईंट भट्ठा संचालकों को कोयला कैसे मिल जाता है? दरअसल कोयला खदानों के आसपास के ग्रामीण हर रोज खदानों से अवैध तरीके से कोयला निकालते हैं और भट्ठों में बेच देते हैं, यही वजह है कि यहां खदानों के आसपास ही बड़ी संख्या में अवैध ईंट भट्ठे संचालित हैं। बहरहाल देखना यह है कि राजस्व विभाग द्वारा की गई इस कार्रवाई से सबक लेते हुए खनिज विभाग का अमला अब भी सक्रिय होता है या नहीं।

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