बिना जानवरों को मारे ही मिलेगा मीट

टीआरपी डेस्क। चिकेन मीट वो भी बिना कोई जानवर काटे, सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे, लेकिन यह अब हकीकत है। सिंगापुर जिसे एशिया का विकसित और एक योजना के तहत बसाए गए देश के तौर पर जानते हैं, वहां के रेस्‍टोरेंट में शुरू हुई नई पहल ने पर्यावरण को नई रोशनी दी है। इस रेस्‍टोरेंट में ही बिना कोई जानवर काटे चिकन मीट सर्व किया जा रहा है।

दिसंबर 2020 में सिंगापुर में हुआ लॉन्‍च

लैब में बना यह चिकन मीट को काफी सुर्खियां बटोर रहा है। सिंगापुर दुनिया का पहला देश बना था जिसने इस तरह के मीट की बिक्री को मंजूरी दी थी। दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में अब इसी तरह के मीट की मांग बढ़ रही है।

पर्यावरण और एनिमल वेलफेयर में लगे संगठनों की तरफ से इस बात को लेकर कई बार चिंताएं जताई जा चुकी हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि साल 2050 तक दुनिया में मीट की खपत बढ़कर 70 फीसदी तक पहुंच जाएगी। ऐसे में मीट के विकल्‍पों को लेकर अब संभावनाएं तलाशी जाने लगी हैं। लैब में तैयार मीट एक सुरक्षित खाद्य आपूर्ति को सुनिश्चित कर सकेगा।

रिसर्चर्स को मिली नई उम्‍मीद

दुनियाभर के रिसर्चर्स इस समय इस बात की संभावना तलाशने में लगे हैं कि क्‍या आने वाले कई वर्षों तक लैब में बने चिकेन को परोसा जा सकेगा। मगर जब दिसंबर 2020 में सिंगापुर की फूड एजेंसी की तरफ से बायोरिएक्‍टर्स में बने चिकन मीट को मंजूरी गई तो रिसर्चर्स की उम्‍मीदों को नए पंख मिल सके। सिंगापुर के रेस्‍टोरेंट में चीन, ब्राजील और अमेरिका जैसे देशों की मशहूर चिकेन डिशेज को जगह मिली है।

इजरायल में भी हो सकती है शुरुआत

कहा जा रहा है कि अगले कुछ वर्षों के अंदर लैब में बना मीट दुनिया के कुछ और हिस्‍सो में सर्व किया जाएगा। इजरायल के एक रेस्‍टोरेंट में लैब में बने चिकन मीट को परोसने की तैयारी चल रही है। सिंगापुर में इस प्रकार के चिकेन को मंजूरी मिलने को रिसर्चर्स टेक्‍नोलॉजी के एडवांस होने की बात का हिस्‍सा बताते हैं। रिसर्चर्स की मानें तो अब वो टेक्‍नोलॉजी भी आने को तैयार है जो दुनिया में खाने-पीने की आदतों को भी बदल देगी।

कैसे होता है तैयार

लैब में बना चिकेन दरअसल बिल्‍कुल किसी जानवर के मीट जैसा ही दिखता है। इसे असली चिकन की कोशिकाओं से ही तैयार किया जाता है लेकिन इन कोशिकाओं को फैक्‍ट्री में लेकिन इसे फैक्‍ट्री में पैदा किया जाता है न किसी किसी जानवर पर।

क्‍या शाकाहारी भी खा सकते हैं

चिकेन मीट के लिए अमेरिका समेत कई देशों में सबसे ज्‍यादा मुर्गों को मारा जाता है। लैब में बनने वाले चिकेन के लिए चिकेन सेल्‍स को असली जिंदा चिकेन से लिया जाता है। इस प्रक्रिया में किसी जानवर को नहीं मारा जाता है। इसलिए इसके निर्माताओं को उम्‍मीद है कि शाकाहारी और वीगन डाइट को फॉलो करने वाले भी इस चिकेन को खरीद सकेंगे। हालांकि लैब में बनने वाले चिकेन को मांसाहार के शौकीनों को ध्‍यान में रखकर ही तैयार किया जा रहा है।

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