टीआरपी डेस्क। राष्ट्रीय लोकदल के चीफ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह का गुरूवार को कोरोना से निधन हो गया। जिसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चौधरी अजीत सिंह के निधन पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने लिखा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोद प्रमुख चौधरी अजीत सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। उनका जाना उत्तरप्रदेश सहित देश की एक बड़ी राजनीतिक क्षति है। मेरी संवेदनाएं @jayantrld जी और पूरे परिवार के साथ हैं। ईश्वर हिम्मत दें। ॐ शांति:

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं रालोद प्रमुख चौ. अजीत सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार मिला।
उनका जाना उत्तरप्रदेश सहित देश की एक बड़ी राजनीतिक क्षति है। मेरी संवेदनाएं @jayantrld जी और पूरे परिवार के साथ हैं।ईश्वर हिम्मत दें। ॐ शांति:
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 6, 2021
बता दें, 82 साल के अजित सिंह कोरोना संक्रमित थे। मंगलवार रात तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां आज उन्होंने सुबह छह बजे अंतिम सांस ली। इस खबर की जानकारी उनके बेटे जयंत चौधरी ने ट्वीट कर दिया है। जयंत चौधरी ने कहा कि “दुख और महामारी के काल में हमारी प्रार्थना है कि अपना पूरा ध्यान रखें, संभव हो तो घर में रहें और सावधानी जरूर बरतें। इससे देश में सेवा कर रहे डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी मदद मिलेगी। ये चौधरी साहब को आपकी सच्चा श्रदांजलि होगी।”
https://twitter.com/jayantrld/status/1390149384931659782?s=20
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अजित सिंह के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वह हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे हैं। उन्होंने केंद्र में कई विभागों की जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!”
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे। उन्होंने केंद्र में कई विभागों की जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) May 6, 2021
बता दें, चौधरी अजित सिंह ने साल 1986 से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी।1986 में वह राज्यसभा भेजे गए थे। 1987 से 1988 तक लोकदल (ए) और जनता पार्टी के अध्यक्ष पद भूमिका निभाई। 1989 में अपनी पार्टी का विलय जनता दल में कर दिया। अजित सिंह 6 बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सांसद रहे। इसके अलावा 4 प्रधानमंत्रियो की कैबिनेट में मंत्री भी रहे।
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