SC Directive On Hate Speech -हेट स्पीच में सुप्रीम निर्देश, बिना शिकायत FIR दर्ज करें राज्य
SC Directive On Hate Speech -हेट स्पीच में सुप्रीम निर्देश, बिना शिकायत FIR दर्ज करें राज्य

टीआरपी डेस्क। देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को जेलों में भीड़ कम करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्यों से कहा कि जिन कैदियों को पिछले साल महामारी के कारण जमानत या पैरोल दी गई थी, उन सभी को फिर वह सुविधा दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जिन विचाराधीन कैदियों को कोर्ट के पूर्व के आदेशों के अनुसार पैरोल दी गई थी, उन्हें फिर से 90 दिनों की अवधि के लिए एक पैरोल दी जा सकती है ताकि महामारी पर काबू पाया जा सकें।

चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस सूर्य कांत की एक बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की उच्चाधिकार प्राप्त समितियों (HPC) द्वारा पिछले साल मार्च में जिन कैदियों को जमानत की मंजूरी दी गई थी, उन सभी को समितियों द्वारा पुनर्विचार के बगैर दोबारा वह राहत दी जाए, जिससे देरी से बचा जा सके।

इन कैदियों को पिछले साल मार्च, 2020 के कोर्ट के आदेश के अनुसार रिहा करने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर शनिवार को अपलोड हुए आदेश में कहा गया, “इसके अलावा हम निर्देश देते हैं कि जिन कैदियों को हमारे पूर्व के आदेशों पर पैरोल दी गई थी उन्हें भी महामारी पर लगाम लगाने की कोशिश के तहत फिर से 90 दिनों की अवधि के लिए पैरोल दी जाए।”

एक फैसले का हवाला देते हुए कोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि उन मामलों में यांत्रिक रूप से गिरफ्तारी से बचें जिनमें अधिकतम सजा 7 साल की अवधि की है। बेंच ने इन समितियों को निर्देश दिया कि वे मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के दिशानिर्देशों को अपनाते हुए नए कैदियों की रिहाई पर भी विचार करें।

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