कोविड प्रबंधन मामले पर सुनवाई स्थगित, SC ने कहा- वैक्सीनेशन मामले में न्यायिक दखल जरूरी नहीं
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टीआरपी डेस्क। कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन और ड्रग समेत तमाम अन्य जरूरी सामग्रियों की सप्लाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई स्थगित कर दी गई है। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 13 मई को की जाएगी। दरसल सुप्रीम कोर्ट में आज वैक्सीनेशन को लेकर सुनवाई की जानी थी। रविवार शाम को केंद्र की ओर से इस मामले में 218 पेज के हलफनामे में कोर्ट के सभी सवालों के जवाब दिए गए थे। केंद्र सरकार ने कहा बड़े जनहित में ये फैसला कार्यपालिका पर छोड़ दिया जाए, किसी भी न्यायिक हस्तक्षेप की इसमें जरूरत नहीं है।

गौरतलब है कि बीती सभी सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपनी वैक्सीनेशन नीति का भी बचाव किया है। दरअसल इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि केंद्र वैक्सीन की 100 फीसदी खुराक खुद क्यों नहीं खरीद रही है। जिस पर केंद्र ने कहा कि उसने 50 फीसद वैक्सीन की खरीद खुद करने की नीति बनाई है।

बता दें, विकट परिस्थितियों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि दिल्ली और कर्नाटक के लिए हर दिन ऑक्सीजन की सप्लाई क्रमश: 700 मीट्रिक टन व 1200 मीट्रिक टन सुनिश्चित की जाए। वहीं कोर्ट ने केंद्र को ऑक्सीजन की कमी की समस्या से निपटने के लिए नेशनल टास्क फोर्स के गठन की सलाह दी।

साथ ही कोर्ट ने कहा कि सरकार मौजूदा समस्या का तत्काल समाधान करे। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने कहा था कि दिल्ली सरकार का कहना है कि उसने केंद्र द्वारा अपनाए गए फॉर्मूला के आधार पर ऑक्सीजन की जरूरत का आकलन किया है।

चार मुद्दों पर केंद्र से मांगा था जवाब

गत 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था और चार मुद्दों पर केंद्र से जवाब देने को कहा था। यह चार मुद्दे हैं- ऑक्सीजन की आपूर्ति, राज्यों की अनुमानित आवश्यकता, केंद्रीय पूल से ऑक्सीजन के आवंटन का आधार, एक गतिशील आधार पर राज्यों की आवश्यकता के लिए संचार की अपनाई गई कार्यप्रणाली। राज्यों की आवश्यकता वाले मुद्दे के तहत कोविड बेड समेत महत्वपूर्ण चिकित्सा आवश्यकताओं में वृद्धि तहत को भी रखा गया। वहीं, आवंटन वाले तीसरे मुद्दे के तहत रेमडेसिविर, फेविपिविर सहित आवश्यक दवाओं की उचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई केंद्र की नीति व चौथे मुद्दे में वैक्सीनेशन को लेकर जवाब मांगे गए थे।

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