टीआरपी डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना महामारी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि ऐसा लग रहा है कि दूसरी लहर की पीक अब धीरे धीरे कम हो रही है। जैन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली की पॉजिटिविटी दर 36% से घटकर 19% के करीब आ गई है। पहले प्रतिदिन अधिकतम 28,000 करीब मामले गए थे, अब ये कम होकर 12,500 के पास आ गए हैं।

अप्रैल के आखिर से कोरोना की पीक नीचे
जैन ने कहा कि जब तक हम पॉजिटिविटी दर को 5% से नीचे और केसों को 3000-4000 तक नहीं ले जाते, तब तक हम इसे हल्के में नहीं ले सकते। कम टेस्टिंग के सवाल पर जैन कहा कि रविवार को भी 66,000 टेस्ट हुए थे। प्रतिदिन करीब 80,000 के करीब टेस्ट हो रहे हैं। दिल्ली में कोरोना के 23,000 के करीब बेड हैं जिसमें 3,500 के करीब बेड खाली हैं। उन्होंने कहा कि यहां लहर बहुत ज्यादा है, लेकिन अब लगता है कि अप्रैल के आखिर से इसकी पीक धीरे-धीरे नीचे आ रही है। लॉकडाउन के कारण लोग बाहर नहीं आ रहे हैं, जबकि पहले अधिक लोग बाहर निकल रहे थे।
The wave is very much there, but seemingly its peak is gradually declining since April end. Everyday about 80,000 tests being done. Due to lockdown, people aren't coming out, while earlier people were going out with everybody being tested: Delhi Health Minister on less testing
— ANI (@ANI) May 11, 2021
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन और बेड की मांग में अब कमी आई है। हमारे पास लगभग 23,000 बेड्स हैं, जिनमें से 20,000 भरे हुए हैं, यह एक बड़ी संख्या है। ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रहनी चाहिए अन्यथा यह समस्या बढ़ जाएगी। अब हमें 700 मीट्रिक टन से कम ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।
केंद्र पर उठाए सवाल
इस दौरान सत्येंद्र जैन ने केंद्र पर सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन देने का दावा कर रही है, लेकिन सरकारों के दावे जमीन की हकीकत से मेल नहीं खाती है।आंकड़ों से असलियत छुप नहीं सकती और यह देखिए नजारा के किस तरीके से सीमापुरी मैन रोड के किनारे लकड़ियों का लंबा अंबार लगा है। वजह यह है कि श्मशान भूमि के अंदर जहां लकड़ियां रखी जाती थी, अब वहां चिताएं जल रही हैं। चिता इतनी बड़ी संख्या में जल रही है की सनलाइट कॉलोनी के एक छोटे पार्क को तोड़कर श्मशान भूमि में कन्वर्ट करना पड़ा।
उन्होंने आगे कहा कि जहां तक नजर जाती है, मेन रोड के किनारे लकड़ियां हैं, अंदर से चिताओं का धुआं साफ साफ नजर आ रहा है। इलाके की आबोहवा में चिताओं की राख है और वह भी इतनी की आंखों में जलन हो जाए। बाहर एंबुलेंस की कतार खड़ी है और अंदर रोते बिलखते परिजन। ऐसे में सरकारी दावे और जमीनी हकीकत में तालमेल नजर नहीं आते। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि सरकार के पास मौत का आंकड़ा सरकारी और निजी अस्पतालों से तो आ जाता है, लेकिन जिन लोगों की मौत हो सुलेशन में होती है। उनकी सही संख्या कभी दर्ज ही नहीं की जाती।
हेल्थ बुलेटिन के अनुसार कोरोना संक्रमण की दर
गौरतलब है कि कोरोना महामारी से गंभीर रूप से जूझ रही दिल्ली में सोमवार को संक्रमण के 12,651 नए मामले सामने आए थे, जबकि इस दौरान 319 मरीजों की मौत हो गई। वहीं, सोमवार को कोरोना संक्रमण की दर घटकर 19.10 प्रतिशत हो गई, जोकि पिछले चार सप्ताह में सबसे कम है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, कोरोना संक्रमण के नए मामलों में गिरावट को जांच संख्या में कमी से जोड़कर देखा जा रहा है। रविवार को 66,234 नमूनों की कोविड-19 जांच की गई। राजधानी में कोरोना संक्रमण की दर 16 अप्रैल के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर 19.10 हो गई है। बता दें कि, दिल्ली में 17 अप्रैल के बाद से कोरोना संक्रमण की दर लगातार 20 प्रतिशत से अधिक बनी हुई थी।
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