महासमुंद ब्रेकिंग : बिना अनुमति के अनशन पर बैठने वाले अधिकारी को किया गया गिरफ्तार, गांधीगिरी दिखाते हुए घर पर ही बैठे थे अनशन पर
महासमुंद ब्रेकिंग : बिना अनुमति के अनशन पर बैठने वाले अधिकारी को किया गया गिरफ्तार, गांधीगिरी दिखाते हुए घर पर ही बैठे थे अनशन पर

महासमुंद। आज सुबह ही गांधीगिरी का तरीका अपनाकर अपने घर पर ही अनशन शुरू करने वाले महिला एवं बल विकास अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि उन्होंने अनशन के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली थी। महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोंदले को पुलिस प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत गिरफ्तार करने के बाद उनका स्वास्थ्य परिक्षण करा रही है और इसके बाद उन्हें एसडीएम के न्यायालय मे पेश किया जायेगा।

गौरतलब है कि सुधाकर बोंदले ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं रेडी टू ईट योजना मे लगभग 30 लाख रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियो से शिकायत की थी, मगर कार्यवाही नही होने के चलते वह अनशन पर बैठ गए थे।

किसी भी क़ीमत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं : कलेक्टर श्री डी.सिंह

इस मुद्दे पर महासमुंद के कलेक्टर डोमन सिंह ने कहा है कि जिला महिला बाल विकास अधिकारी महासमुंद सुधाकर बोदले द्वारा जो शिकायतें भ्रष्टाचार के संबंध में की गई है, उसमें शासन स्तर से जांच चल रही है एवं जिला स्तर से भी कार्यवाही की जाएगी। जिले में किसी प्रकार के भ्रष्टाचार को संरक्षण नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मामला प्रथम दृष्टया विभागीय अधिकारियों के बीच आपसी खींचतान का दिखाई पड़ता है।

कार्यक्रम अधिकारी ने उल्टे लगाया आरोप

इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज सिन्हा पर लग रहे हैं मगर उनके द्वारा उल्टे सुधाकर बोंदले पर आरोप लगाया जा रहा है। मनोज सिन्हा कहते हैं कि जब से जिले में उनकी पदस्थापना जिला कार्यक्रम अधिकारी महासमुंद के पद पर हुई है तभी से सुधाकर बोदले को समस्या हो रही है। पूर्व में श्री बोदले जिला कार्यक्रम अधिकारी महासमुंद के प्रभार में पदस्थ थे। इसलिए सुधाकर बोदले समय-समय पर कोई न कोई समस्या उत्पन्न कर उनकी छवि खराब करने का प्रयत्न करते रहे है।

बहरहाल अनशन पर बैठे अधिकारी की गिरफ़्तारी हो चुकी है, मगर इस अधिकारी द्वारा उठाये गए कदम को देखकर लगता है कि यह मामला इतनी जल्दी ठंडा पड़ने वाला नहीं है। प्रदेश में भ्रष्टाचार का गढ़ माने जाने वाले महिला एवं बाल विकास विभाग में अधिकारीयों पर अब तक तो ऐसे आरोप लगते ही रहे हैं, मगर ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि विभाग के ही किसी वरिष्ठ अधिकारी ने अपने यहां हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ झंडा बुलंद कर लिया हो।

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