स्वास्थ्य विभाग हुआ परेशान नहीं सुधर रहे पीएम केयर से मिले बिगड़े हुए वेंटीलेटर, संबंधित कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करने केंद्र को लिखा पत्र

रायपुर। कोरोना काल में छत्तीसगढ़ को पीएम केयर से दो कंपनियों के 230 वेंटीलेटर मिले। इनमें से अधिकांश वेंटिलेटर गारंटी पीरियड में ही ख़राब हो गए। जिन्हें बनाने के लिए दोनों कंपनियों ने पूरे प्रदेश के लिए केवल एक-एक इंजिनियर मुहैया कराया। ये दोनों इंजिनियर भी ठीक समय पर कोरोना से पीड़ित हो गए। ऐसे में बिगड़े हुए वेंटीलेटर को लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी परेशान रहा। इधर विभाग में पदभार सँभालते ही प्रमुख सचिव स्वास्थ्य आलोक शुक्ला ने केंद्र को पत्र लिखकर घटिया वेंटिलेटर सप्लाई करने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की है।

मरीजों को सांस देने वाली वेंटिलेटर मशीन के बेड देश में आज भी पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं। कोरोना काल में देश भर में वेंटीलेटर की कमी के चलते बड़ी संख्या में लोग मारे जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ में भी जब कोरोना पीड़ितों की संख्या एकाएक बढ़ी तब यहाँ के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में काफी संख्या में वेंटीलेटर बिगड़े पड़े थे।

पीएम केयर के 45 वेंटीलेटर पड़े हैं ख़राब

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग को पी एम केयर से पिछले वर्ष 230 वेंटीलेटर मिले, जिन्हे प्रदेश भर के २८ जिलों के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में आबंटित किया गया। इनमे अगवा कंपनी के 70 और BEL के 160 वेंटीलेटर शामिल हैं। वर्तमान में AGVA के 20 और BEL के 25 वेंटीलेटर ख़राब पड़े हैं।

AGVA के वेंटीलेटर की गुणवत्ता ठीक नहीं

राजधानी में स्वास्थ्य विभाग के स्टोर में वेंटीलेटर का लेखा जोखा रखने वाले डॉ आनंद वर्मा ने बताया कि अगवा कंपनी के वेंटीलेटर की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। इस कंपनी के अधिकांश वेंटीलेटर गारंटी पीरियड में ही ख़राब हो गए है। अधिकांश के पार्ट्स घटिया किस्म के हैं, जिन्हे फ़िलहाल कंपनी बदल कर दे रही है, मगर हमने भी जरुरी पार्ट्स अलग से भेजने का आर्डर दे रखा है। दूसरी कंपनी BEL भारत सरकार की अपनी कंपनी है, जिसकी गुणवत्ता AGVA से कुछ ठीक है।

इंजीनियरों की बाट जोहते रहे बिगड़े वेंटीलेटर

डॉ आनंद वर्मा ने बताया कि AGVA कंपनी ने प्रदेश भर में लगे अपनी कंपनी के 70 वेंटीलेटर के मरम्मत के लिए केवल एक इंजिनियर दे रखा है, वहीं दूसरा इंजीनियर नौसिखिया है। दूसरी कंपनी BEL ने भी केवल एक ही इंजिनियर उपलब्ध कराया है। पिछले दिनों दोनों कंपनियों के इंजिनियर कोरोना से संक्रमित हो गए। ऐसे में 45 बिगड़े वेंटीलेटर यूँ ही पड़े रहे। इसी बीच AGVA कंपनी का इंजिनियर कुछ ठीक हुआ है तो उसने जिलों में जाकर बिगड़े हुए अपनी कंपनी के वेंटीलेटर की मरम्मत शुरू की है।

प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने जताई नाराजगी

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने पी एम केयर से मिले दो कंपनियों के घटिया वेंटीलेटर को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को भेजी गई चिट्ठी में लिखा है कि केंद्र की ओर से छत्तीसगढ़ भेजे गए वेंटिलेटर में से 45 ख़राब है, मगर वेंटिलेटर निर्माता कंपनी ने अब तक सुधार कार्य नहीं करवाया है। डॉ. आलोक शुक्ला ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से वेंटिलेटर ठीक नहीं करने वाली कम्पनियों को ब्लैक लिस्ट करने की सिफ़ारिश तक कर डाली है।

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