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रायपुर। कोरोना के दूसरे वेरिएंट ने पूरे देश में कोहराम मचाया, और कहा जा रहा है कि अब तीसरे की बारी है। पिछले कुछ समय से बस यही खबरें आ रही थीं कि कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ेगा, मगर अब जानकार इससे इंकार करते हुए कहते हैं कि ऐसा किसी भी रिसर्च में नहीं आया है कि आने वाला समय बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होगा।

पिछले वर्ष मार्च के महीने में कोरोना का प्रकोप शुरू हुआ था। तब से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ में 12 हजार 533 लोगों की मौत कोरोना के संक्रमण से हुई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इनमे 0 से 14 वर्ष तक के 45 बच्चे शामिल हैं। वहीं 15 से 29 वर्ष के 430 लोगों की मौत पिछले वर्ष मार्च से लेकर इस वर्ष मई के महीने के बीच हुई हैं।

कोरोना से बीते एक वर्ष में इतने लोग हुए संक्रमित

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की बात करें तो अब तक 9 लाख 49 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 3 लाख 82 हजार 531 महिलाएं, 5 लाख 66 हजार 154 पुरुष और 315 थर्ड जेंडर शामिल हैं। कोरोना से इतने संक्रमित हुए लोगों में से 12 हजार 646 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 30 से 44 वर्ष के 2327 कोरोना संक्रमित, 45 से 59 वर्ष के 4443, और 60 साल से ऊपर 5288 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है।

सबसे ज्यादा मौतें बुजुर्गों की हुई

आंकड़ों पर नजर डाले तो बीते एक वर्ष में सबसे ज्यादा मौतें बुजुर्गों याने 60 वर्ष और उससे ऊपर के लोगों की हुई है। वहीं सबसे कम मौत बच्चो की हुई है। वर्ष भर में हमने बड़ी संख्या में अपनों को खोया है, इसलिए आने वाला समय खुद को और अपने पूरे परिवार को सुरक्षित रखने का है। विशेषकर बच्चों को, जो हमारे भविष्य के निर्माता हैं।

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