रायपुर। समर्थन मूल्य पर खरीफ वर्ष 2020-21 और 2019-20 के धान के उठाव में लापरवाही के चलते जिले की 11 राइस मिलों को कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश के प्रावधानों के तहत ब्लैक लिस्टेड कर दिया है।

इसके बाद ऐसी मिलों में मिलिंग कार्य नहीं किया जा सकेगा। जिले की सभी राइस मिलों को शासन के आदेश के तहत अपनी उत्पादन क्षमता का 50 प्रतिशत धान कस्टम मिलिंग किया जाना अनिवार्य है। मिलर्स से तीन दिन में जवाब मांगा था। कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन ने राइस मिलर्स को शासन के आदेश का पालन करने के लिए कहा था।
राइस मिलर्स इसके बावजूद निजी धान की मिलिंग औऱ फ्री सेल को ही प्राथमिकता दे रहे थे। मिलरों की मनमानी से नाराज कलेक्टर ने पिछले सप्ताह जिले के 100 अरवा और 14 उसना मिलर्स को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था। यह अवधि मंगलवार को खत्म हो गई थी। जिसके बाद कलेक्टर ने खाद्य विभाग द्वारा समीक्षा के आधार पर 11 राइस मिलों को फरवरी 2022 तक के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया है।
11 मिलर हुए एक साल के लिए प्रतिबंधित
जिले की सत्यनारायण नत्थूलाल तिल्दा, मुनका राइस मिल तिल्दा, पंजवानी राइस मिल तिल्दा, संजय ग्रेन धरसींवा, दशमेश इंडस्ट्रीज खरोरा, बालाजी ग्रेन अभनपुर, एनबीए फूड्स तिल्दा, महक राइस इंडस्ट्रीज नयापारा, हरिओम इंडस्ट्रीज नयापारा, निर्मला राइस टेक अभनपुर और गुरुनानक राइस मिल खरोरा को फरवरी 2022 तक के लिए मिलिंग कार्य से वंचित कर दिया गया है।
इन नियमों को नहीं माना
उल्लेखनीय है कि राइस मिलर्स को छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश के तहत अपने मिल की उत्पादन क्षमता का 50 प्रतिशत उपयोग प्राथमिकता के आधार पर शासन से अनुबंध कर कस्टम मिलिंग कार्य और समितियों से धान उठाव को प्रमुखता देना था। मिल परिसर में स्टॉक औऱ मिलिंग रजिस्टर रखने और विभाग के मॉड्यूल में नियमित स्टॉक की प्रविष्टि की मासिक जानकारी भी भेजने का पालन न किए जाने को भी कलेक्टर ने गंभीर अनियमितता माना।