रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्राथमिक कृषि साख समितियों के माध्यम से 1850 रुपए में बेची जा रही खाद अब 1200 रुपए में ही बिकेगी। इस संबंध में मार्कफेड ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश जारी होने से से पहले प्रदेश भर की सोसायटियों में किसानों से एक बोरी खाद के 1850 रुपए वसूले जा रहे थे। इस बात को लेकर किसानों में खासी नाराजगी थी।
इस वजह से हो रही थी गड़बड़ी
दरअसल खाद कंपनियों ने खाद के दामों में 58 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी थी। इसकी वजह से डीएपी खाद 1200 रुपए से बढ़कर 1850 रु की हो गई थी। यह मूल्य वृद्दि होने के बाद जब किसानों ने विरोध शुरु किया तो केंद्र सरकार हरकत में आई उसने तय किया कि बढ़ी हुई कीमत के अंतर की राशि खाद कंपनियों नो सब्सिडी के रूप में दी जाएगी।
किसानों को 1200 रुपए ही देने होंगे। लेकिन खाद के रेट बढ़ने का आदेश जारी हुआ। पर जब रेट कम हुए तो यह आदेश जारी नहीं हुआ था। इधर सोसायटियों में जो नई खाद उस पर भी एमआरपी 1850 लिखा था। किसानों ने भारी मात्रा में यह खाद 1850 में खरीदी है।