नेशनल डेस्क। देशभर में कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले ने भी लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है कि फ्रीज के दरवाजे में लगी रबर और प्याज में मिलने वाला काला धब्बा ब्लैक फंगस होता है। दावा है कि ये घर में कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के साथ कोरोना मरीज के भीतर नाक के जरिये घुस सकता है।

इस सम्बन्ध में विशेषज्ञों का कहना है कि फ्रीज और प्याज में काला धब्बा ब्लैक फंगस नहीं है। हालांकि महामारी के दौर में लोगों को साफ-सफाई पर ध्यान देना होगा, बिना धोए कोई चीज न खाएं।
म्यूकॉरमायकोसिसफ्रिज या प्याज पर जीवित नहीं रह सकता : प्रो. अरुणालोक चक्रवर्ती
पीजीआई चंडीगढ़ के मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रो. अरुणालोक चक्रवर्ती का कहना है कि जिस फंगस से म्यूकॉरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) होता है वो फ्रिज या प्याज पर जीवित नहीं रह सकता है। फंगस की पहचान उसके रंग के आधार पर न करें, हर कोई सावधान रहे और साफ सफाई रखे।
काला धब्बा दिखे तो साफ करें : सीडीसी
अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) का कहना है कि फ्रीज और प्याज के साथ अन्य स्थानों पर रूई की तरह दिखने वाला काला धब्बा ब्लैक फंगस नहीं होता है। ब्लैक फंगस धमनियों में रक्त प्रवाह को रोकता है जिस कारण कालापन होता है, फ्रीज और प्याज समेत अन्य में रक्त का प्रवाह नहीं होता है। हर व्यक्ति साफ-सफाई का ध्यान रखें, गंदगी बीमारी की वजह है। ऐसी कोई अलग चीज या दाग दिख रहा है तो तत्काल साफ करें।
सावधानी ही इलाज : डॉ. शेष आर नवांगे
जबलपुर के सेंटर फॉर मेडिकल मायकोलॉजी फंगल डिसीज डायग्नोस्टिक रिसर्च सेंटर के डॉ. शेष आर नवांगे का कहना है कि फ्रीज या प्याज पर दिखने वाले काले धब्बे या फंगस से संक्रमण का खतरा कम होता है। फ्रीज को साफ रखें, प्याज को बिना धुले न खाएं। सावधानी ही इलाज है।