गुरुकुलम

रायपुर। पतंजलि गरुकुल में बंधक बनाए गए छत्तीसगढ़ के चार बच्चे आखिरकार छुड़ा लिए गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। टीआरपी ने इस मुद्दे को सबसे पहले प्रमुखता से उठाया था। जिसके तत्काल बाद ही प्रशासन हरकत में आया।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि बच्चों को गरियाबंद कलेक्टर और एसपी की पहल पर छोड़ दिया गया है। इसके साथ उन्होंने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

क्या था मामला

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में रहने वाले 4 बच्चों के अभिभावक प्रशासन से कल तक गुहार लगा रहे थे। अभिभावकों ने उत्तराखंड के पतंजलि गुरुकुलम हरिद्वार स्थित वैदिक कन्या गुरुकुलम में अध्ययनरत अपने बच्चों को वापस उन्हें सुपुर्द करने की मांग की थी। अभिभावकों ने गरियाबंद कलेक्टर को भेजे पत्र में लिखा था कि उन्होंने अपने बच्चों को वैदिक कन्या गुरुकुलम में अध्यापन हेतु 5 अप्रैल 2021 को योग भवन में सशुल्क प्रति बच्चे 65000+ 65000+ 50000+45000 के हिसाब से यानि कुल दो लाख पच्चीस हजार रुपए के साथ गुरुकुलम परिवार को सुपुर्द किया। इस भुगतान के रसीद की कॉपी, बैंक का यूटीआर नंबर और तारीख परिजनों के पास मौजूद है।  गरियाबंद कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर मामले की गंभीरता को समझते हुए सीएम के निर्देश पर बच्चों को छुड़ाने के अंत तक लगातार संपर्क में थे। अब उन्हें भी इंतजार है कि कब ये बच्चे जल्द से जल्द उनके माता-पिता तक पहुंच जाएं। इसके सारे इंतजाम भी गरियाबंद कलेक्टर द्वारा कर दिया गया है।

 

मगर परिवार में अतिआवश्यक काम होने व बच्चों की माताओं की तबियत तकलीफदेह स्थिति में होने के कारण उनका जीना मुश्किल होते जा रहा है। अभिभावकों ने 26 मई को प्रातः 10 बजे अपने बच्चों को घर वापस ले जाने के लिए लिखित आवेदन दिया। इसके बाद अगले दिन यानि 27 मई को बच्चों को वापस भेजे जाने के एवज में अभिभावकों से प्रति बच्चे के हिसाब से 50000 यानि 4 बच्चों के लिए कुल 2 लाख रुपये की सिक्योरिटी मनी की मांग की गई।  अभिभावकों ने दो लाख रुपए देने में असमर्थता जताई और बच्चों को गुरुकुलम से वापस अपने पास सुपुर्द करने शासन से गुहार लगाई।

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