CoWin App पर रजिस्ट्रेशन करना जरुरी नहीं, सीधे सेंटर पर जाकर ले सकते हैं टीका
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नेशनल डेस्क। देशभर में जारी कोरोना वायरस से बचने के लिए देश में कोरोना टीकाकरण अभियान लगातार जारी है। साथ ही कोरोना की कई दवा और वैक्सीन पर अभी भी ट्रायल लगातार जारी है।

इसी बीच लखनऊ के रहने वाले एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है की कोविशील्ड की पहली डोज लगवाने के बाद भी एंटीबॉडी नहीं है। आशियाना निवासी प्रताप चंद्र है कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है और उसकी जान के साथ खिलवाड़ किया गया है। उसका कहना है तैयार करने वाली कंपनी और उसे मंजूरी देने वाली संस्थानों के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

प्रताप चंद्र ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और आईसीएमआर व डब्लूएचओ के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है। एसीपी कैंट अर्चना सिंह ने सीएमओ कार्यालय से जांच में सहयोग मांगा है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।

शख्स ने 8 अप्रैल को लगवाई थी वैक्सीन की पहली डोज

आशियाना निवासी प्रतापचंद्र के मुताबिक आठ अप्रैल को उन्होंने वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी। प्रताप के अनुसार डाक्टरों ने उन्हें बताया था कि पहली वैक्सीन लगने के बाद उनके शरीर पर एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाएगी। जिससे संक्रमण का खतरा कम होगा। उन्हें दूसरी डोज 28 अप्रैल को लगाई जानी थी।

लेकिन आईसीएमआर की तरफ से दिशा-निर्देश जारी कर पहली और दूसरी डोज के बीच का समय बढ़ा दिया गया। प्रताप के मुताबिक 25 मई को उन्होंने एंटीबॉडी टेस्ट कराया था। जिसकी रिपोर्ट देख कर वह हैरान रह गए। प्रताप के अनुसार उनके शरीर में एंटीबॉडी बनने की जगह प्लेटलेट्स कम हो गई। ऐसे में उनके संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है।

प्रताप के मुताबिक उन्हें धोखे में रखकर गलत जानकारी देते हुए वैक्सीन लगाई गई है। इस संबंध में प्रतापचंद्र ने आशियाना थाने में तहरीर दी है। एसीपी कैंट के मुताबिक तहरीर के संबंध में विशेषज्ञों से राय ली गई है। सीएमओ आफिस से जांच कर रिपोर्ट भेजने का आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि सीएमओ दफ्तर से रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी।

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