नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव केंद्र ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नए मुख्य सलाहकार अलपन बंधोपाध्याय पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से गायब रहने पर केंद्र ने अलपन को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिस पर उन्हें 3 दिन के भीतर जवाब देना होगा।

अलपन से पूछा गया कि उन पर आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 51(बी) के तहत क्यों ने कार्रवाई की जाए। जिसके तहत एक वर्ष की जेल या जुर्माना हो सकता है। जेल और जुर्माना दोनों भी लागू किए जा सकते हैं। अगर काम में बाधा से या फिर निर्देशों को न मानने से किसी की जान जाती है या नुकसान होता है तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को 2 साल की सजा दी जा सकती है।
अब अगर अलपन नोटिस का जवाब नहीं भेजते हैं या फिर उनके जवाब से केंद्र सरकार संतुष्ट नहीं होती है तो उनके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 51 बी के तहत कार्रवाई हो सकती है या फिर एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
इसके अलावा केंद्र और राज्य के किसी भी अधिकारी को या इन सरकारों द्वारा अधिकृत व्यक्ति के कामों में बिना उचित कारण के बाधा डालने पर एक्शन लिया जा सकता है। इसके अलावा केंद्र, राज्य, राष्ट्रीय समिति, या राज्य की समिति द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन न करने पर भी कार्रवाई का प्रावधान है।
केंद्र ने नोटिस में कहा है, ‘पीएम मोदी आपदा प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करने के बाद कलाईकुंडा एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे। इसके बाद उन्हें यहां पर बंगाल की मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव के साथ बैठक करनी थी।
प्रधानमंत्री को मीटिंग रूम में राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए 15 मिनट इंतजार करना पड़ा। जब मुख्य सचिव नहीं पहुंचे थे तो उन्हें अधिकारियों ने फोन लगाया और पूछा कि वो इस मीटिंग में शामिल होंगे या नहीं? इसके बाद मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री मीटिंग रूम में आए और तुरंत ही चले भी गए।
केंद्र ने कहा है कि इसे प्रधानमंत्री की रिव्यू मीटिंग से अनुपस्थित रहना ही माना जाएगा। पीएम नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन भी हैं। अलपन बंधोपाध्याय की ये हरकत केंद्र द्वारा कानूनी तौर पर दिए गए निर्देशों को दरकिनार करना ही माना जाएगा। ऐसे में उन पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51(बी) लगाई जाती है।
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