कोरोना से बचे लोगों को महंगाई मार डालेगी, जेब पर डाका डाल रहे हैं प्रधानमंत्री... मई महीने में ही 16 बार बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम- मोहन मरकाम

रायपुर। देश में उत्पादों की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर हमला बोला है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आज कहा, मोदी सरकार के 7 वर्षों में वस्तुओं की कीमत दोगुना हो गई है। अगर ऐसा जारी रहा तो कोरोना से बचे लोगों को यह महंगाई मार डालेगी।

कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में संवाददाताओं से चर्चा में मोहन मरकाम ने कहा, पिछले डेढ़ साल से जनता कोरोना महामारी की मार झेल रही है। मरकाम ने कहा, केंद्र सरकार की विफलता से लाखों लोगों की जान चली गई। उद्योग और कारोबार ठप्प होने से रोजगार का संकट पैदा हो गया। ऐसे समय में केंद्र सरकार महंगाई बढ़ाने में लगी हुई है। पेट्रोल, डीजल और केरोसिन के दाम हों या गैस सिलेंडर के, खाने के तेल की कीमतें हों या फिर साधारण बीमारियों में काम में आने वाली दवाओं की, हर चीज लगातार महंगी होती जा रही है। एक राष्ट्रीय आपदा के बाद एक और राष्ट्रीय आपदा देश में आ गई है। इन सबके लिए मोदी ही जिम्मेदार हैं।

खाद्य तेल की महंगाई, अडानी और मोदी

मोहन मरकाम ने खाद्य तेलों की महंगाई के बहाने औद्योगिक घराने अडानी समूह और इस बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश की। मरकाम ने कहा, एक तरफ खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े, दूसरी ओर किसानों की आमदनी घटी। मतलब खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने का फायदा किसानों को नहीं बल्कि बिचौलियों को मिला है। खाद्य तेल के दाम पिछले दो वर्ष में ही दोगुने बढ़ गए हैं। देश में खाद्य तेल के सबसे बड़े निर्माता मोदी के प्रिय गौतम अडानी है। ऐसे में समझा जा सकता है कि इस महंगाई का सबसे अधिक फायदा किसे मिल रहा है।

मई महीने में ही 16 बार बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, अप्रैल 2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 103 डॉलर प्रति बैरल थी। तब मनमोहन सिंह जी देश के प्रधानमंत्री थे और उन्होंने पेट्रोल-डीजल के दाम को बढ़ने नहीं दिया। उस समय पेट्रोल की कीमत 72 रुपए प्रति लीटर एवं डीजल की कीमत 55 रुपए प्रति लीटर थी। आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल की कीमत 69.15 डॉलर प्रति बैरल है। जबकि रायपुर में पेट्रोल की कीमतें 92.76 रुपए प्रति लीटर एवं डीजल की कीमत 92.38 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है। देश के कुछ शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए से भी ज्यादा हो गई है। पिछले मई महीने में ही पेट्रोल-डीजल के दाम 16 बार बढ़ाए गए हैं।

एक्साइज ड्यूटी से लोगों के जेब पर डाका 

मोहन मरकाम ने आरोप लगाया केंद्र सरकार पेट्रोलियम पर एक्साइज ड्यूटी के जरिए जनता की जेब पर डाका डाल रही है। उन्होंने कहा, क्रूड आयल की कीमतों में 36 प्रतिशत की कमी आई है उसके बाद भी पेट्रोल के दाम में 31 प्रतिशत की और डीजल के दामों में 55 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। 2014 में जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई थी तब पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपए प्रति लीटर थी। अभी यह ड्यूटी 32.90 रुपए प्रति लीटर है। 2014 में डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपए प्रति लीटर थी जो वर्तमान में 31.80 रुपए प्रति लीटर है।

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