वैक्‍सीन की गई बर्बाद तो प्रभावित होगा आवंटन, केंद्र सरकार की राज्‍यों को चेतावनी

टीआरपी डेस्क। केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को आबादी, कोरोना केस और वैक्सीनेशन की रफ्तार के आधार पर कोरोना वैक्सीन मुफ़्त उपलब्‍ध कराई जाएगी। वैक्सीन बर्बाद करने वाले राज्यों को मिलने वाली वैक्सीन की खेप पर खराब असर पड़ेगा।

केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन की रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की और 21 जून से ये गाइडलाइन्स पूरी तरह से लागू होंगी। नई गाइडलाइन में कहा गया है कि केंद्र 75 फीसदी वैक्सीन प्रोक्योर करेगा। वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए केंद्र ने राज्‍यों को एडवाइजरी जारी की। इसमें कहा गया है कि प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर, 45 से ऊपर की उम्र के लोग, दूसरी डोज जिन लोगों ने नही ली हो और फिर अंत में 18 से ऊपर की उम्र के लोगों को वैक्‍सीन दी जाएं। वैक्सीन 18 से ऊपर की उम्र के लोगों के टीकाकरण में राज्य को वर्गीकरण की स्वतंत्रता होगी। राज्यों की जनसंख्या, संक्रमितों की संख्या और वैक्सीनेशन की रफ्तार के हिसाब से केंद्र वैक्सीन उपलब्‍ध कराएगा।

यह प्रावधान भी है कि वैक्सीन वेस्टेज होने पर राज्यों की सप्लाई पर नकारात्मक असर पडेगा। वैक्सीन सप्लाई की जानकारी पहले से ही राज्यों को दी जाएगी, इससे राज्यों को इससे जरूरत के हिसाब से जिला स्तर और वैक्सीनेशन सेंटर तक वैक्सीन पहुंचाने में सुविधा मिलेगी। राज्यों को वैक्सीनेशन सेंटर्स या जिला स्तर पर वैक्सीन की उपलब्धता सार्वजनिक करनी होगी। वैक्सीन उत्पादक कंपनियां 25 फीसदी प्रति माह डोज प्राइवेट अस्पतालों को बेच सकेंगे।

यह भी कहा गया है कि राज्य प्राइवेट अस्पताल की क्षमता, उसके आकार और स्थानीय संतुलन के हिसाब से वैक्सीन की मांग रखेंगे और केंद्र सप्लाई सुनिश्चित करेगा। प्राइवेट अस्पताल वैक्सीन के दाम से ऊपर प्रति डोज 150 रु से अधिक सर्विस चार्ज नहीं लेंगे और राज्य सरकारें इसकी निगरानी करेंगी। लोक कल्याण के जज्बे के तहत जो लोग आर्थिक रूप से तंग लोगों की मदद करना चाहते हैं, वे इलेक्‍ट्रानिक वाउचर जारी कर सकते है, ताकि प्राइवेट अस्पताल में ऐसे लोग वैक्सीन ले सकें। लोगों की सुविधा के लिए सभी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ऑन साइट रजिस्ट्रेशन राज्य सरकार को सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ हीराज्य सरकारें वैक्सीन बुकिंग के लिए कॉमन सर्विस सेंटर या कॉल सेंटर भी शुरू कर सकते हैं।

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