टीआरपी डेस्क। तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा की तस्वीर फैशन मैग्जीन हार्पर्स की ‘बाजार’ (Harper’s Bazaar India) के कवर पेज पर छपी है। जिसके बाद से सोशल मीडिया में इस बात की चर्चा तेजी से हो रही है कि वो किस दिन टीएमसी चीफ ममता बनर्जी की जगह लेंगी?

तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा की तस्वीर फैशन मैग्जीन हार्पर्स की ‘बाजार’ (Harper’s Bazaar India) ने अपने कवर पेज पर छापी है। उन्होंने हाल ही में मैग्जीन से जुड़ी नंदिनी भल्ला से बातचीत की थी और बताया था, “ढेर सारे लोग कहते हैं ‘आप बहुत जुनून से बोलती हैं‘ या ‘आप बहुत गुस्सा हो जाती हैं’, पर यह सच्चे जज्बात होते हैं, जिनका मैं अनुभव करती हूं। ये मेरे दिल से आते हैं। मैं जो सोचती हूं और महसूस करती हूं, वही बोल देती हूं। अगर मैं गुस्सा होती हैं, जो उसे बाहर आना चाहिए। अगर मैं कुंठित हूं, तो उसे भी बाहर निकल कर आना चाहिए। मैं जैसी हूं, उसके लिए माफी नहीं मांगती हूं।”
मैग्जीन ने कवर पेज वाले मेन फोटो के साथ दो अन्य तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर किया, तो लोग इन्हें आगे शेयर करने लगे। कुछ ने कहा कि मोइत्रा किसी दिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी की जगह ले लेंगी। जबकि कई मैग्जीन के फैसले पर सवाल उठाते हुए बोले कि उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के लिए अपशब्द इस्तेमाल किए थे, फिर भी उन्हें हीरो बना दिया गया।
समाचार एजेंसी ANI की संपादक स्मिता प्रकाश (@smitaprakash) ने ये फोटो शेयर करते हुए लिखा, “बढ़िया।” @iamraj_offical ने इस पर कहा, “वह (महुआ) बेहद महात्वाकांक्षी महिला हैं। हो सकता है कि किसी दिन वह ममता की जगह ही ले लें।” @NumbKhopdi के हैंडल से कहा गया- आखिरकार मोइत्रा को सही जगह मिल ही गई!
Nice. pic.twitter.com/v6Zotwxiq8
— Smita Prakash (@smitaprakash) June 11, 2021
@targetaimshoot नामक यूजर ने ट्वीट किया, “इको-सिस्टम इसी तरह काम करता है। क्या मैग्जीन ने उनके चुनावी क्षेत्र, काम और जमीनी स्तर पर आए बदलाव को लेकर रिसर्च किया था” @reddy329 ने तंज कसते हुए लिखा- शानदार…जो राज्यपाल को “अंकल जी” कहती हैं, गालियां देती हैं और यहां तक कि नेशनल टीवी पर अंगुली दिखाती हैं, उन्हें यूं प्रमोट किया जा रहा है।
@mrutyunjaya1981 ने भी राय जाहिर की और कहा, “सांसद के नाते मोइत्रा की भाषा और बर्ताव बहुत अच्छा नहीं है।” @ArunKrishnan_ ने लिखा- किसी किताब को उसके कवर के आधार पर मत आंकें।