सावधान! खतरे में है आपकी प्राइवेसी, ओके नहीं है OK Google, गूगल के कर्मचारी सुनते हैं आपकी बातें

टेक डेस्क। गूगल के वर्चुअल असिस्टेंट (OK Google) के काम तरीके की पूरी दुनिया में जमकर तारीफ होती है। दावा होता है कि आपकी एक कमांड पर गूगल का यह वर्चुअल असिस्टेंट लाखों रिजल्ट देता है। मगर जब आपको यह पता चलेगा कि गूगल का असिस्टेंट काम कैसे करता है तो आपको हैरानी होगी। गूगल असिस्टेंट से आप जो भी बातें करते हैं, उन बातों को कंपनी के कर्मचारी सुनते हैं। गूगल ने भी इस बात को स्वीकार किया है।

आज जैसे ही अपने फोन पर गूगल असिस्टेंट को शुरू करने के ‘OK Google’ बोलते हैं, उसे कंपनी के कर्मचारी सुनते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी पर शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसद की स्थाई समिति में कंपनी ने खुद यह बात मानी है। इस रिपोर्ट पर गूगल ने कहा है कि कई बार ऐसा भी होता है कि जब यूजर्स वर्चुअल असिस्टेंट का इस्तेमाल नहीं करते हैं, लेकिन इस दौरान भी उनकी बातों को रिकॉर्ड किया जाता है।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इन डाटा को डिलीट नहीं किया जाता है, हालांकि जब यूजर्स की ओर से डाटा डिलीट करने के लिए अपील की जाती है तब डाटा डिलीट कर दिया जाता है। गूगल का कहना है कि स्पीच रिकॉग्निशन (आवाज की पहचान) को बेहतर बनाने के लिए उसके कर्मचारी गूगल असिस्टेंट को मिलने वाले वॉयस कमांड को सुनते हैं।

गूगल ने यह भी दलील दी है कि उसके कर्मचारी यूजर्स की संवेदनशील जानकारी को नहीं सुनते। वे केवल सामान्य बातचीत ही सुनते हैं और उसकी ही रिकॉर्डिंग होती है। गूगल ने इस बात का जवाब नहीं दिया है कि वह संवेदनशील और सामान्य बातचीत में फर्क कैसे करता है। समिति ने इसे यूजर्स की गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन माना है।

बता दें कि हाल ही में लिंकडिन (LinkedIn) के 756 मिलियन यूजर्स का डाटा लीक हो गया है जिसे लेकर कहा जा रहा है कि इस लीक में LinkedIn के करीब 92 फीसदी यूजर्स के डाटा शामिल हैं, हालांकि डाटा लीक करने वाले हैकर्स के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। LinkedIn के इस डाटा लीक में यूजर्स के फोन नंबर, एड्रेस, लोकेशन और सैलरी जैसी निजी जानकारी शामिल हैं।

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