पंजाब में पावर कट पर सवाल उठाने वाले सिद्धू ने ही खुद 9 महीने से नहीं भरा बिजली का बिल, 8.74 लाख रुपये बकाया

टीआरपी डेस्क। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार हमलावर विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में बिजली संकट के मामले में कैप्टन और पिछली अकाली-भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को जिम्मेदार ठहराया।

वहीं नवजोत सिद्धू यह भूल गए कि वह खुद राज्य के सबसे बड़े व्यक्तिगत बिजली बकाएदारों में से एक हैं। पीएसपीसीएल की वेबसाइट पर सिद्धू के आवास का बिल 9 माह से बकाया है। उन्हें 8,74,784 रुपये जमा करने हैं।

सिद्धू पर मार्च, 2021 में पीएसपीसीएल के 17,62,742 रुपये बकाया थे। उसी समय पीएसपीसीएल ने डिफाल्टरों के खिलाफ अभियान चलाया तो सिद्धू ने 10 लाख रुपये का भुगतान कर दिया लेकिन अभी भी पीएसपीसीएल की 8.74 लाख की राशि बकाया है।

यह भी पता चला है कि सिद्धू ने अब बकाया बिल के वन टाइम सेटलमेंट के लिए आवेदन किया है। पीएसपीसीएल के अधिकारी ने बताया कि कम बकाया राशि वाले डिफाल्टर कई उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटे गए हैं लेकिन राजनीतिक रसूख के कारण सिद्धू ऐसी कार्रवाई से बचे रहे हैं।

इससे पहले, शुक्रवार को दिनभर सिद्धू ने पंजाब में बिजली संकट के मुद्दे पर एक के बाद एक नौ ट्वीट किए। इनमें एक ट्वीट में सिद्धू ने कैप्टन सरकार द्वारा सरकारी दफ्तरों में बिजली को लेकर जारी निर्देशों पर टिप्पणी करते हुए लिखा- सही दिशा में काम करने से न तो पंजाब में बिजली कटौती की जरूरत पड़ेगी और न ही ऑफिस में टाइमिंग या एसी को मैनेज करने की जरूरत पड़ेगी।

अपने अगले ट्वीट्स में सिद्धू ने लिखा- पंजाब को औसतन 4.54 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदनी पड़ती है, जबकि राष्ट्रीय औसत 3.85 रुपये है। चंडीगढ़ में 3.44 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली की खरीद होती है। उन्होंने आगे लिखा- पंजाब को बिजली के लिए तीन निजी थर्मल प्लांटों पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ता है। इस वजह से प्रति यूनिट 5 से 8 रुपये महंगी बिजली खरीदनी पड़ी है, जो अन्य राज्यों से ज्यादा है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर